सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को गलत समझा रहे हैं शिवराज जी

शिवराज का आज घोषित सरदार सरोवर पैकेज विस्थापितों को भ्रमित करने का प्रयास: आलोक अग्रवाल
 
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को गलत समझा रहे हैं शिवराज जी
शिवराज सिंह चौहान ने सरदार सरोवर डूब क्षेत्र के लिए की गई पैकेज की घोषणा विस्थापितों को भ्रमित करने का प्रयास है। इस घोषणा में घर प्लाट के एवज में 5 लाख रु देने का अर्थ है कि लोगों का दिए गये घर प्लाट पर बसना संभव नहीं है। अब यह लालच देकर 2 दिन में घर तोड़ने की बात की जा रही है जो कि पूर्णतः अमानवीय है। 
शिवराज जी यह भी झूठ बोल रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक डूब क्षेत्र खाली करने की बात कही है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय 2 फरवरी 2017 के आदेश में केवल आदेश में उल्लेखित लगभग 2000 परिवारों में से जिनको जमीन का पैसा दिया जायेगा सिर्फ उनको डूब क्षेत्र छोड़ने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि स्वयं सरकार के राजपत्र के अनुसार डूब क्षेत्र में 18386 परिवार रह रहे हैं जिनको माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सन 2000 और 2005 एवं नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसार बिना पुनर्वास हटाया नहीं जा सकता है।
इस पर नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल ने कहा कि इस  पैकेज के द्वारा शिवराज जी पैसे का लालच दिखाकर लोगों के घरों को भरी बरसात में तुड़वाना चाहते हैं। असल में शिवराज जी भाजपा को गुजरात चुनाव जिताने के लिए मध्य प्रदेश के 1 लाख लोगो की जल समाधि की तैयारी कर रहे है।
उन्होंने यह भी कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि आज सरकार ने खुद माना है कि विस्थापन स्थल पर मूल भूत सुविधा नही है, फिर कैसे 2 दिन में लोग बिना सुविधाओ के वहाँ जाएगे। शिवराज जी अगर विस्थापतो को सच मे राहत देना चाहते है तो सम्पूर्ण पुनर्वास होने तक डूब को रोके, और गुजरात के दबाव में न आयें।

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