LG साहब ने अफसरों को बताया विकास का मंत्र, दिल्‍ली में लालफीताशाही पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में फाइलों के शीघ्र मूवमेंट और कार्यों में तेजी लाने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के विभाग प्रमुखों और निकाय संस्थाओं को निर्देश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि वे फैसले का अधिकार देने के मामले में नया तरीका अपनाएं।

उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को दायित्व सौंपने की जगह पद को दायित्व सौंपें। एलजी के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि विभागों में जनता से जुड़े काम प्रभावित नहीं होंगे। किसी अधिकारी विशेष को फैसला लेने का अधिकार सौंपने के इंतजार में प्रशासन के पास फाइलें लंबित नहीं रहेंगी।

इस संबंध में उपराज्यपाल निवास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर व्यापार एवं कर विभाग में वैट अधिकारी की नियुक्ति की जानी है तो पहले उसकी नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया जाता है और फिर एक अधिसूचना भी जारी की जाती है, ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उसे अधिकार दिए जा सकें।

अधिसूचना जारी करने के लिए फाइल संबद्ध अधिकारी को भेजी जाती है जो उसे मंजूरी देने के लिए अक्सर दो से तीन माह का समय लेता है। उन्होंने कहा कि अब उपराज्यपाल के आदेश के बाद वैट अधिकारी नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी के पास उसकी नियुक्ति का आदेश जारी होने के पहले दिन से ही अधिकार होंगे।

एलजी के आदेश के बाद मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों के सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों तथा स्थानीय निकायों से नई व्यवस्था अपनाने को कहा है। अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल के आदेश के साथ ही अब विशिष्ट अधिकारियों को अधिकार देने के लिए संबद्ध प्राधिकारियों के पास फाइलें भेजे जाने का वर्तमान चलन समाप्त हो जाएगा।

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