हनीप्रीत पुलिस पूछताछ में सिर हिलाकर ना में ही देती रही जवाब

पंचकूला। पुलिस के लिए डेरा सच्‍चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की खास और राजदार हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ चुनौती बनी हुई है। पूरी रात पूछताछ के बावजूद पुलिस उससे उगलवा नहीं पाई है। वह अधिकतर सवालाें का सिर हिलाकर ना में जवाब देती रही। ऐसे में पुलिस को हनीप्रीत का रिमांड मिल भी जाता है तो उससे राम रहीम और डेरा के राज का खुलासा करवाना टेढ़ी खीर से कम नहीं हाेगा।

चंडीमंदिर पुलिस थाने में हनीप्रीत से हरियाणा की आइजी (वूमेन सेल) ममता सिंह तड़के तीन बजे तक लगातार सवाल जबाव किए, लेकिन वह अधिकतर सवालाें का सिर हिल‍ाकर और ना में ही जवाब देती रही। थाने की खिड़की से हनीप्रीत की एक दो बार झलक दिखाई दी। इसमें हनीप्रीत सिर ना में हिलाती हुई नजर आई। हनीप्रीत का चेहरा लटका हुआ था और वह काफी सहमी हुई दिख रही थी। शुरुआती जांच में अभी तक हनीप्रीत ने कोई बड़ा खुलासा नहीं किया है।

हनीप्रीत का डेरा के साथ सफर एक नजर में-

-हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा और मां आशा तनेजा फतेहाबाद के रहने वाले हैं। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है।
-हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे। वह अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में अपनी दुकान चलाने लगे।

-14 फरवरी 1999 को हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की सत्संग में शादी हुई। इसके बाद बाबा ने हनीप्रीत को अपनी तीसरी बेटी घोषित कर दिया।
-हनीप्रीत राम रहीम के प्रोडक्शन में बनी फिल्मों में एक्टिंग और डायरेक्शन भी कर चुकी है। बताया जाता है कि हनीप्रीत साए की तरह बाबा के साथ रहती थी।

-हनीप्रीत के पूर्व पति का आरोप है कि हनीप्रीत और राम रहीम के बीच नाजायज रिश्ते थे। उसने दोनों को एक बार आपत्तिजनक हालत में देखा था।
-जब राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिया गया तो हरियाणा में जमकर हिंसा भडक़ी। हनीप्रीत पर इस हिंसा की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
-25 अगस्त को हनीप्रीत फरार हो गई थी और अब 3 अक्टूबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

हनीप्रीत की खेवनहार बनी सुखदीप कौर

हनीप्रीत की खेवनहार सुखदीप कौर थी। वह मूल रुप से बठिंडा की रहने वाली है। उसका पूरा परिवार डेरे का पुराना अनुयायी है। सुखदीप कौर का परिवार ज्यादा समय सिरसा के डेरा सच्‍चा सौदा में ही रहता था। गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद जब हनीप्रीत पर पुलिस का शिकंजा कसा जा रहा था, तो सुखदीप कौर हनीप्रीत की खेवनहार बनकर आई। सुखदीप लगातार फोन के जरिये हनीप्रीत के संपर्क में थी। जब हनीप्रीत को राजस्थान मेेंं छापेमारी के बाद प्रदेश छोड़ना पड़ा, तो सुखदीप ने हनीप्रीत को अपने घर में शरण दे दी थी। वह सभी जगहों पर हनीप्रीत के साथ रहती थी।

जेल से सीधा गुरसर मोडिया पहुंची

रोहतक की सुनारिया जेल से फरार होने के बाद हनीप्रीत डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पैतृक गांव गुरसर मोडिया पहुंच गई थी। यहां पर हनीप्रीत कई दिनों तक रुकी रही, लेकिन लगातार हनीप्रीत के गुरसर मोडिया में होने की खबरें आने के बाद 2 सितंबर को हनीप्रीत वहां से फरार हो गई। इसके बाद वह उदयपुर में प्रदीप गोयल के पास पहुंच गई। हनीप्रीत को उदयपुर के सेलिब्रेशन मॉल में खरीददारी करते हुए देखा गया था।

हनीप्रीत की लोकेशन पुलिस को उदयपुर में मिली थी, लेकिन जब तक उसके पास पहुंचती वह वहां से भी फरार हो चुकी थी। हरियाणा पुलिस और उदयपुर की स्पेशल टीम ने यहां उदयपुर के सेक्टर 14 नाकोड़ा नगर में रहने वाले प्रदीप गोयल को गिरफ्तार किया था। यह डेरे का सबसे विश्वास पात्रों में से एक माना जाता था।

प्रदीप गोयल ने किया गुमराह

प्रदीप गोयल ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कह दिया था कि वह नेपाल चली गई है। वहां रेडियो के जरिए हनीप्रीत की तलाशी के लिए मुनादी करवा दी गई। इसके बाद भारत-नेपाल सीमा पर पहरा कड़ा कर दिया गया था। लेकिन हनीप्रीत का वहीं पर भी कोई पता नहीं चला। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने दावा किया था कि हनीप्रीत कहीं ज्यादा दूर नहीं है और जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।

25 सितंबर को हनीप्रीत दिल्ली में देखी गई। वह लाजपत नगर स्थित अपने वकील से मिलने आई थी। वह अपने वकील के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत चाहती थी। हनीप्रीत दिल्ली आई और वापस भी चली गई, लेकिन पुलिस उसे पकड़ने में फिर नाकामयाब रही।

पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला के अनुसार हनीप्रीत 2 सितंबर को गुरसर मोडिया से फरार हो गई थी। इसके बाद भी पुलिस की रेड लगातार जारी थी। हनीप्रीत इसके बाद वह सुखदीप कौर के संपर्क में आई। पिछले कई दिनों से वह बठिंडा में थी।

News Source: jagran.com

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