गवर्नमेंट ई-मार्केट पोर्टल ने वित्त वर्ष 2021-22 के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद का आंकड़ा छुआ

चालू वित्त वर्ष के दौरान 22 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ ऑर्डरों की संख्या 31.5 लाख के पार हुई

पांच वर्ष की अल्प अवधि में, जीईएम विश्व में सबसे बड़े गवर्नमेंट ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म में से एक बन गया

जीईएम ने महिला उद्यमियों तथा एमएसएमई को बढ़ावा देने के जरिये सरकारी खरीद को अधिक समावेशी बनाने का प्रयास किया

सकल वस्तु मूल्य (जीएमवी ) में 30 प्रतिशत के योगदान के साथ राज्य लगातार एक महत्वपूर्ण हितधारक बने हुए हैं

इस पोर्टल ने समावेशन, उपयोग करने की क्षमता, पारदर्शिता, दक्षता तथा लागत बचत को प्रेरित करने के द्वारा भारत में सार्वजनिक खरीद में सफलतापूर्वक बदलाव ला दिया
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने वित्त वर्ष 2021-22 के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद अर्जित कर ली है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 160 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए, जीईएम के सीईओ श्री प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि स्थापना के बाद संचयी सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) साढ़े चार वर्षों में, 23 मार्च, 2021 को 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा जबकि चालू वित्त वर्ष में जीईएमम का जीएमवी एक वर्ष से कम अवधि में ही 1 लाख करोड़ रुपये (टीएस 1 ट्रिलियन) से अधिक हो गया। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 160 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को लेकर ट्वीट किया था।

श्री सिंह ने बताया कि पोर्टल ने अपने तीन स्तंभों अर्थात समावेशन, उपयोग करने की क्षमता, पारदर्शिता, दक्षता तथा लागत बचत को प्रेरित करने के द्वारा भारत में सार्वजनिक खरीद को सफलतापूर्वक रूपांतरित कर दिया। ऑर्डरों की संख्या भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 22 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 31.5 लाख के पार हो गई है। पांच वर्ष की अल्प अवधि में, जीईएम विश्व में सबसे बड़े गवर्नमेंट ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) की हिस्सेदारी का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि सीपीएसई द्वारा 43,000 करोड़ रुपये के बराबर की खरीद (कुल जीएमवी का ~ 43 प्रतिशत) की गई जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 508 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुल सकल वस्तु मूल्य (जीएमवी) में 30 प्रतिशत के योगदान के साथ राज्य लगातार एक महत्वपूर्ण हितधारक बने हुए हैं।

सरकारी खरीद में समावेशन को शामिल करने में जीईएम द्वारा निभाई गई भूमिका को रेखांकित करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि जीईएम ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), जनजातीय समुदायों, शिल्पकारों, बुनकरों तथा एमएसएमई के उत्पादें को ऑनबोर्ड करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाये हैं। जीईएम पर हुए कुल व्यवसाय का 57 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से आया है तथा महिला उद्यमियों द्वारा 6 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जीईएम पर महिला विक्रेताओं तथा उद्यमियों की संख्या एक वर्ष में 6 गुनी बढ़ चुकी है।

उल्लेखनीय है कि एमएसई से खरीद 143 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्तमान में कुल जीएमवी का 57 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में बायर ऑनबोर्डिंग में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछले वित्त वर्ष की तुलना में सेलर ऑनबोर्डिंग में 187 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल जीएमवी (25,000 करोड़ रुपये) में 25 प्रतिशत के योगदान के साथ पिछले वित्त वर्ष की तुलना में सेवाओं की संख्या में भी 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जीईएम भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई थी। सरकारी खरीदारों के लिए एक खुली तथा पारदर्शी खरीद प्लेटफॉर्म का सृजन करने के उद्वेश्य के साथ यह पहल भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 9 अगस्त, 2016 को लांच की गई थी। पांच महीनों के रिकॉर्ड समय में सृजित, जीईएम सामान्य उपयोग की वस्तुओं तथा सेवाओं की ऑनलाइन खरीद को सुगम बनाती है।

विश्व बैंक द्वारा किए गए एक स्वतंत्र आकलन के अनुसार, सरकारी ई मार्केटप्लेस पोर्टल में खरीदारों के लिए औसत बचत मीडियन कीमत पर लगभग 9.75 प्रतिशत है। शुरुआत के बाद से, जीईएम ने बेहतर कीमतों के साथ साल दर साल प्रभावशाली वृद्धि प्रदर्शित की है और इस प्रकार राज्य के खजाने को पर्याप्त धन बचाने में मदद मिली है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में किए गए विश्लेषण में, अमेजन तथा फ्लिपकार्ट जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के साथ जीईएम पर विभिन्न वस्तुओें की लागत की तुलना करने पर यह पता चला कि जीईएम की कीमतें 9.5 प्रतिशत कम थीं। सैंपल की 22 वस्तुओं में से 10 वस्तुएं अन्य प्लेटफॉर्मों की तुलना में जीईएम पोर्टल पर सस्ती थीं।

जीईएम कोविड 19 के दौरान लांच की गई नई पहलों तथा फीचरों को जीईएम पर कोविड संकट के दौरान कंप्रेस्ड मेडिकल ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के ऑनलाइन आपूर्तिकर्ताओं के लिए ऑक्सीजन अभियान चलाया गया। जीईएम पर कुल 250 कोविड -19 चिकित्सा वर्ग उपलब्ध हैं, मार्च 2020 के बाद से इन्हीं के माध्यम से 4.73 लाख से अधिक ऑर्डर दिए गए थे।

जीईएम जमीनी स्तर पर पंचायतों द्वारा ऑनलाइन खरीदारी तथा बिक्री की अनुमति देने के लिए पंचायती राज संस्थानों के साथ समेकन कर रहा है। गुरुग्राम जिला पंचायतों में पायलट प्रोतेक्ट सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। जीईएम जमीनी स्तर पर लॉजिस्ट्क्सि सेवाएं प्रदान करने के लिए इंडियापोस्ट के साथ एकीकरण करने के अग्रिम चरण में है।

जीईएम सहाय जीईएम पोर्टल पर प्राप्त ऑर्डरों के लिए विभिन्न समेकित ऋणदाताओं से ऋण वित्तपोषण का लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करने से संबंधित एक पहल है। फॉरवर्ड नीलामी मॉड्यूल की शुरुआत सरकारी नीलामीकर्ताओं को विविध नीलामी मोड का उपयोग करने के द्वारा परिसंपत्ति की नीलामी करने तथा उनकी परिसंपत्तियों के पूर्ण बिक्री जीवन चक्र की निगरानी करने की सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है।

जीईएम प्लेटफॉर्म विषम व्यवहार तथा लेनदेनों, बाजार आसूचना, मांग/कीमत पूर्वानुमान तथा खरीद योजना निर्माण/निगरानी की पहचान करने के लिए उन्नत विश्लेषण ढांचे का समर्थन करता है। जीईएम का अब ऑर्डर के बाद के सूचना आदान प्रदान करने के लिए 24 सीपीएसई की ईआरपी प्रणालियों के साथ समेकन है। 42,000 करोड़ रुपये के बराबर के कुल 3 लाख से अधिक के ऑर्डर समेकन के जरिये आदान प्रदान किए गए।

जीईएम ने उपयोगकर्ताओं की मंशा को समझने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण आधारित खोज को कार्यान्वित किया है जिससे कि वे जीईएम पर उत्पादों या सेवाओं की खोज करते समय अधिक संगत तथा और अधिक सटीक खोज परिणामों को प्रदर्शित कर सकते हैं।

जीईएम ने पुनर्खरीद तंत्र को सक्षम बनाया है जिसके माध्यम से खरीदार पुराने उत्पादों को नए उत्पादों के साथ बदलने तथा पुराने उत्पादों पर कुछ और छूट/ पुनर्खरीद प्राप्त करने के लिए बोली लगाने में सक्षम होगा। जीईएम ने बीओक्यू बोलियों के लिए अनुसूची वार मूल्यांकन में सक्षम बनाया है। खरीदार अब बीओक्यू बोलियों के लिए मद-वार, समूह-वार, पाने वाला यानी प्रेषिती-वार प्रकाशन और मूल्यांकन कर सकते हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवसाय विकास में विश्वसनीयता तथा निष्पादन के साथ प्लेटफॉर्म द्वारा सहायता प्रदान की जाए, जीईएम ने कुशल कैंशिंग, सक्रिय भंडारणों को ईष्टतम बनाने, डाटाबेस के लिए प्रोग्रामिंग भाषाओं के सभी स्तरों में टेक्नालॉजी करेंसी में सुधार लाने तथा कार्यान्वित बेहतर सुरक्षा उपायों जैसे विभिन्न सुधारों को कार्यान्वित किया है। यह प्लेटफॉर्म ~ 13,500 समवर्ती उपयोगकर्ताओं की सहायता कर रहे है जिसमें कुछ डीबी लोड ~ 35 के क्यूपीएस (क्वेरी प्रति सकेंड) तक पहुंच रहे हैं।

जीईएम ने विस्तृत लेखा परीक्षा के लिए बाहरी सुरक्षा परामर्शदाताओं को भी नियुक्त किया है तथा ~ 75 अतिरिक्त सुरक्षा निर्देशों को कार्यान्वित किया है। मार्च 2022 तक पूरी हो जाने की योजना के लिए इसकी एक एसटीक्यूसी प्रमाणन लेखा परीक्षा भी की जा रही है। जहां प्लेटफॉर्म पर लोड में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, पेज रिस्पांस टाइम में 40 प्रतिशत का सुधार देखा गया है। औसतन, प्रति दिन बोलियों की संख्या भी अप्रैल 2021 के 1,100 से बढ़ कर मार्च 2022 में 2,800 तक पहुंच गई है। प्रति दिन तदनुरूपी विक्रेता सहभागिता भी इसी अवधि के दौरान 10,000 की तुलना में बढ़ कर 15,000 हो गई है।

लंदन में 2021 में आयोजित सिप्स एक्सीलेंस इन प्रोक्योरमेंट अवार्ड्स में ‘‘ डिजिटल प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग ‘‘ वर्ग में जीईएम को विजेता घोषित किया गया। जीईएम इस वर्ग में जीईपी, जगुआर लैंड रोवर, रायल डच शेल, वेनडिजिटल तथा शेल सहित सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की वैश्विक रूप से विख्यात कंपनियों के बीच प्रोक्योरमेंट की कुछ सबसे बड़े तथा सर्वश्रेष्ठ नामों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बाद विजेता घोषित हुआ।

जीईएम को दो अतिरिक्त वर्गों अर्थात ‘पब्लिक प्रोक्योरमेंट प्रोजेक्ट ऑफ द इयर‘ तथा ‘बेस्ट इनिशिएटिव टू बिल्ड से डायवर्स सप्लाई बेस‘ में भी फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया, जहां यह अभिनव पहल करने वाली कुछ बुहत बड़ी तथा पथ प्रदर्शक कंपनियों के मुकाबले में शामिल था।

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