फ्यूचर जेनेरली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पेश करता है ‘प्रोजेक्ट बोल्ट’

मुंबई,  मई, 2020 : वृद्धि की राह पर आगे और विश्वव्यापी महामारी की स्थिति के मद्देनजर फ्यूचर जेनेरली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआइएलआइ) ने ‘प्रोजेक्ट बोल्ट’ लॉन्च किया है। कंपनी ने इसे अपने वैसे मौजूदा ग्राहकों के लिए पेश किया है, जो अपना जीवन और अधिक सुरक्षित करना तथा कंपनी से एक और पालिसी लेना चाहते हैं। चूंकि सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) कायदा बन गया है, अधिकतर ग्राहक खरीदारी के समय कम-से-कम संपर्क या संपर्करहित बातचीत करना पसंद करेंगे।  

 

 

साथ ही, मेडिकल टेस्ट के लिए डायग्नोस्टिक सेंटरों में जाने से भी ग्राहकों को हिचक होगी। इसलिए, कंपनी ने अपनी विक्रय प्रक्रिया को पुनर्गठित करके इसे पूरी तरह डेटा संचालित, संपर्क रहित और कागज़ रहित बना दिया है। जोखिम के आधार पर ग्राहकों को पहले से चिन्हित कर लिया जाता और बीमांकन मॉडल तथा सम्पूर्ण विक्रय प्रक्रिया अब डिजिटलीकृत हो गयी है। अतः, अब सारी प्रक्रिया विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए पूरी हो सकती है जहाँ वितरक पर्याप्त ढंग से उत्पाद के बारे में समझा सकता है और ग्राहक डिजिटल पद्धति से 5 मिनट से कम समय में महज कुछ क्लिक करके बगैर कागजी प्रपत्र, दस्तावेज और यहाँ तक कि मेडिकल टेस्ट के प्रस्ताव को पूरा कर सकता/सकती है. इस प्रक्रिया में समय भी काफी कम लगता है और प्रस्ताव जमा करने के 48 घंटे के भीतर पालिसी जारी हो सकती है।

 

 

एफजीआइएलआइ ने इस प्रोजेक्ट पर कैसे काम किया?

लीडरशिप टीम को नयी प्रक्रिया का ढांचा तैयार करने और मौजूदा प्रक्रिया में अपेक्षाओं का समाधान बताने का दायित्व दिया गया था। उसके बाद विभिन्न विभागों – विक्रय, आईटी, विपणन, परिचालन और अनुपालन की टीमों को प्रक्रिया का विखंडन करने और छांटने लायक अनावश्यक चरणों को चिन्हित करने को कहा गया। इसे “किल-बिल्ड” प्रयोग का नाम दिया गया जिसमें समाप्त (किल) करने वाले चरणों को और टेक्नोलॉजी के प्रयोग से तैयार की जाने वाली (बिल्ड) नयी सेवाओं की पहचान की गयी। यह प्रक्रिया नयी शुरुआत  के लिए महत्वपूर्ण थी जो महज 3 क्लिक के साथ 5 मिनट में पूरी की जायेगी।

 

एफजीआइएलआइ के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर एवं चीफ कस्टमर ऑफिसर, श्री राकेश वाधवा ने कहा कि,  “हमारे लिए प्रोजेक्ट बोल्ट महज प्रक्रियागत नवाचार से कहीं अधिक महत्व रखता है। इसकी शुरुआत ग्राहकों के प्रति संवेदना और यह स्वीकार करने के साथ हुयी थी कि इस समय उन्हें कुछ ऐसे समाधानों की तलाश है जो उनके जीवन को सुविधाजनक बना सके। इस संवेदना से हमें अलग तरह से सोचने, प्रचलित कायदों को चुनौती देने, खुद के निर्मित बंदिशों को तोड़ने की क्षमता प्राप्त हुयी और हमने एक परिणाम प्रस्तुत किया है जो वितरकों का उत्साह बढ़ाएगा और ग्राहकों को उपयोगी लगेगा। यह सचमुच डिजिटलीकरण का एक उपयुक्त उदाहरण है।” 

 

 

उन्‍होंने आगे यह भी कहा कि, “वर्तमान लॉकडाउन के कारण विक्रय टीम के बीच डिजिटल अभिग्रहण तेजी से बढ़ रहा है, जैसा कि उनमें से अधिकतर लोग अब अपने-अपने ग्राहकों तक पहुँचने के लिए प्लैटफॉर्म का रुख कर रहे हैं। हमारे ग्राहकों के बीच अतिरिक्त सुरक्षा की चाहत बढ़ रही है और ऐसे में इस प्लैटफॉर्म पर ज्यादा प्रोडक्ट्स को शामिल किया गया है। हम अपने वितरण टीमों को बाहर निकलने और अनावश्यक खतरे का सामना किये बगैर दूर बैठे विडियो कॉल के सहारे विक्रय का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हमारे ग्राहकों की प्रतिक्रिया भी काफी उत्साजनक रही है।”

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