यूपी बजटः युवाओं, किसानों-कामगारों व उद्योगों के लिये अाज खुलेगा योगी का पिटारा

लखनऊ । अपने पहले बजट में किसानों पर मेहरबान रही योगी सरकार शुक्रवार को पेश किये जाने वाले दूसरे बजट में 2019 के चुनावी संधान के साथ ही युवाओं के लिए कुछ लोक-लुभावन घोषणाएं कर सकती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए यह बजट वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल विधानसभा में दोपहर 12.20 बजे बजट पेश करेंगेे। वित्त मंत्री ने बजट के मसौदे को गुरुवार को अंतिम रूप दिया। शुक्रवार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट के मसौदे को मंजूरी दी जाएगी। बजट का आकार लगभग सवा चार लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

दूसरे बजट में योगी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास नारे के सांचे में ढले समावेशी विकास के अपने विजन को विस्तार देगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती के मद्देनजर बजट में विभिन्न वर्गों को साधने की कोशिश होगी। वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री एलान कर चुके हैं कि अगला बजट युवाओं को समर्पित होगा।

युवाओं के लिए नौकरियों के अलावा बजट में कुछ नई योजनाओं की घोषणा हो सकती है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना शुरू हो सकती है तो ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना को अहमियत मिल सकती हैै। स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने की खातिर सरकार वेंचर कैपिटल फंड के लिए खजाना खोल सकती है तो कौशल विकास पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित होगा।

किसानों-कामगारों की लेंगे सुध : नए बजट के जरिये योगी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के एजेंडे को आगे बढ़ाएगी। बजट में मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना का एलान हो सकता है तो हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना की जा सकती हैै। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना का आगाज हो सकता है। वहीं कामगार वर्ग के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को तरजीह दी जा सकती है।

निवेश के लिए बनाएंगे माहौल : यूपी इन्वेस्टर्स समिट के जरिये निवेश जुटाने में संजीदगी से जुटी योगी सरकार अगले बजट में उद्योग सेक्टर पर खास फोकस करेगी। सूबे के परंपरागत उद्योगों और हस्तशिल्पों को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को विशेष महत्व मिलना तय है। निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार तिजोरी खोलेगी। औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी सरकार दरियादिली दिखाएगी। ऐसे में औद्योगिक सेक्टर के बजट आवंटन में खासा इजाफा होने के आसार हैं।

बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता : सड़क, बिजली, सिंचाई और विभिन्न शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए बजट में भरपूर आवंटन होने की संभावना है। प्रदेशव्यापी बेहतर रोड कनेक्टिविटी का तानाबाना बुनने के लिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के विकास के लिए भी बजट में व्यवस्था होने के भरपूर आसार हैं।

समावेशी विकास को अहमियत : समावेशी विकास के तकाजे से बजट गांवों, गरीबों और वंचितों की सुध लेगा। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का भी ख्याल रखा जाएगा। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सोशल सेक्टर्स पर फोकस बरकरार रहेगा। बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से ‘मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना का एलान हो सकता है। सरकार नए शैक्षिक सत्र में प्रदेश में 5000 परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के लिए बजट का इंतजाम कर सकती हैै।

केंद्रीय योजनाओं के लिए खोलेंगे थैली

केंद्रीय योजनाओं के लिए बजट में भरपूर आवंटन होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य योजना, पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं के लिए अपने हिस्से की पूरी रकम देगी।

ऐसे बढ़ा बजट का आकार

वर्ष – धनराशि (करोड़ रु.) – प्रतिशत वृद्धि

-2012-13 – 2,00,110.61 – 18

-2013-14 – 2,21,201.19 – 10.5

-2014-15 – 2,74,709.59 – 24

-2015-16 – 3,02,687.32 – 10.2

-2016-17 – 3,46,937.78 – 14.6

-2017-18 – 3,84,659.71 – 10.87

खास उम्मीदें

-शुरू हो सकती है मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना

-पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना पर भी रहेंगी निगाहें

-मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की हो सकती है स्थापना

-इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर उद्योग सेक्टर पर होगा खास फोकस

-‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को विशेष महत्व मिलना तय

-मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए हो सकता है भरपूर आवंटन

-पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के को मिलेगी अहमियत

-हो सकता है ‘मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना का एलान

-5000 परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित धनराशि

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