मास्टरकार्ड का ‘‘कैशलेश बनो इंडिया’’ अभियान इंदौर पहुंचा

मास्टरकार्ड का ‘‘कैशलेश बनो इंडिया’’ अभियान इंदौर पहुंचा

व्यापारियों और उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान अपनाने में मदद के लिए एनडीटीवी, सीएआईटी और एचडीएफसी बैंक के साथ मिल कर इस अभियान को और आगे बढ़ाया

इंदौर – भारत सरकार के कैशलेश इंडिया विज़न के अनुरूप, एनडीटीवी और मास्टरकार्ड ने कैषलैस बनो इंडिया आंदोलन की शुरूआत के लिए गठबंधन किया है। इस अभियान का लक्ष्य देष भर में करोड़ों लोगों को डिजिटल भुगतान के महत्व पर व्यवहारात्मक बदलाव करने और जागरूकता फैलाने में भागीदारी करना है।

अभियान के एक हिस्से के रूप में, कंफेडरेषन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) और एचडीएफसी बैंक के साथ भागीदारी में, कैषलैस बनो इंडिया बस पूरे इंदौर में घूम कर स्थानीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय साक्षरता और डिजिटल भुगतान स्वीकृति षिविरों को आयोजन करेगी। इसके परिणामस्वरूप व्यापारियों को डिजिटल भुगतानों को स्वीकार करने और जीएसटी कर व्यवस्था में बेजोड़ परिवर्तन करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री प्रवीण खंडेलवाल, सेक्रेटरी जनरल, सीएआईटी ने कहा, ‘‘हम व्यापारियों में डिजिटल भुगतानों के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता को आगे ले जाने वाले ‘‘कैशलेश बनो इंडिया’’ अभियान का एक हिस्सा बन कर प्रसन्न हैं। चूंकि जीएसटी व्यवस्था 1 जुलाई से लागू हो रही है, इसलिए यह अभियान भारत सरकार के कैषलैस व डिजिटल अर्थव्यवस्ािा के विज़न को और प्रोत्साहन देगा।’’

इस पहल के बारे में बोलते हुए, सुश्री स्मिता भगत- ब्रांच बैंकिंग हैड, एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘‘हम इस अभियान का हिस्सा बन कर प्रसन्न हैं, जो लोगों को डिजिटल साधनों को उपयोग करके कम नकदी वाले समाज के फायदों पर जागरूकता और षिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा। यह डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और नकदी के प्रयोग को कम करने के सरकार के डिजिटल इंडिया के विज़न के अनुरूप है।’’

श्री पौरूष सिंह, डिवीज़नल प्रेसिडेंट, मास्टरकार्ड ने कहा, ‘‘भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। इस समय सरकार, सार्वजनिक एवं निजी भागीदारियों को डिजिटल भुगतािनों की स्वीकार्यता के लिए उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए भुगतान समाधान उपलब्ध कराने की आवष्यकता है। मास्टरकार्ड अनेक वर्षों से नकदी से आगे की दुनिया का समर्थक रहा है और इस पहल के माध्यम से हम सरकार के विमुद्रीकरण अभियान को समर्थन देते हुए भुगतानों के विभिनन विकल्पों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना चाहते हैं।

 

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