कोका.कोला ने पैकेज्ड ड्रिन्किंग वाटर की कीमत घटाने की घोषणा की

कोका.कोला ने पैकेज्ड ड्रिन्किंग वाटर की कीमत घटाने की घोषणा की

नई दिल्ली :भारत की टैक्स प्रक्रियामें अब तक के सबसे बड़े केंद्रीयकृत सुधार के तहत नई टैक्स प्रणाली गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स ;जीएसटी लागू की जा रही है। इसके मद्देनज़र कोका.कोला इंडिया ने आज अपनी कीमतों के निर्धारण की रणनीति की घोषणा की है। नई कीमतों के जरिये उपभोक्ताओं को उनके पैसों की बेहतर कीमत और विभिन्न उत्पाद विकल्प प्रदान किये जायेंगे। कंपनी ने अपने बॉटलिंग पार्टनर्स को सलाह दी है कि वे उत्पाद पोर्टफोलियो में हुई कीमत वृद्धि के बड़े हिस्से को वहन करें और जहां भी संभव हो कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को प्रदान करें।

टी कृष्णकुमार  बिज़नेस यूनिट प्रेसिडेंटए कोका.कोला इंडिया एवं साउथ वेस्ट एशियाए ने कहा  के एकीकृत टैक्स वसूली प्रणाली निर्माण करने के लिए जीएसटी एक महत्वपूर्ण सुधार है। जीएसटी द्वारा भारत की विकास गति को आगे बढ़ाने और बड़े स्तर पर समाज को फायदा पहुंचाने की उम्मीद है। ऐसे में हम अपने उपभोक्ताओं को अपने विभिन्न ताज़गीभरे उत्पादों के जरिये उनके पैसे का सही मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम नई टैक्स प्रक्रिया के फायदे ग्राहकों को पहुंचाएंगे और हमारे बेवरेज पोर्टफोलियो की कुछ श्रेणियों में टैक्स वृद्धि के अधिकतम प्रभाव को खुद वहन करने की कोशिश करेंगे।

कंपनी ने पैकेज्ड ड्रिन्किंग वाटर से शुरुआत करते हुए अपने बॉटलिंग पार्टनर्स को प्रमुख वाटर ब्रांड ष्किनलेष् की कीमत घटाने की सलाह दी है और किनले वाटर के मौजूदा पोर्टफोलियो से काफी कम कीमत पर एक किफायती ष्वैल्यू वाटरष्श्रेणी पेश की जाएगी।

हालांकि जूस आधारित ड्रिंक्स पर लगाए जाने वाले टैक्स में मामूली वृद्धि हुई है ;इसे 12% टैक्स स्लैब में रखा गया हैl लेकिन कंपनी ने इस वृद्धि को खुद वहन करने और कीमतों को यथावत बनाए रखने का फैसला किया है। साथ ही कंपनी ने उपभोक्ताओं को फल आधारित उत्पादों की बड़ी रेंज प्रदान करना जारी रखेगी जिसके लिए कंपनी ने अपने फ्रूट सर्कुलर इकॉनमीष्प्रयासों में प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

नई टैक्स प्रणाली में बेवरेजेस की श्रेणी में एरियेटेड बेवरेजेस पर सबसे अधिक गंभीर प्रभाव हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में इसे केंद्रीय और राज्य स्तरों पर कई टैक्स वृद्धियों को सामना करना पड़ा है। इस उत्पाद के लिए 40% का प्रस्तावित टैक्स वर्तमान के राष्ट्रीय औसत टैक्स भार से काफी अधिक है। इसलिए कंपनी के पास इस टैक्स वृद्धि के बड़े हिस्से को खुद वहन करने के बावजूद अपने उत्पाद कीमतों में न्यूनतम वृद्धि करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। हालांकिए कोका.कोला द्वारा कीमतों के प्रति संवेदनशील ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए जल्द ही एरियेटेड बेवरेजेस की किफायती रेंज शुरु की जाएगी।
अभी कुछ समय पहले ही कंपनी ने स्थाई कृषि के लिए एक ष्वर्चुअस फ्रूट सर्कुलर इकॉनमीष् निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ भारतीय किसानों को इसमें प्राथमिकता देने की घोषणा की है। इसमें मुख्य रूप से चार बड़ी पहल शामिल हैं l जूस को स्पार्कलिंग पोर्टफोलियो में शामिल करनाए मौजूद जूस पोर्टफोलियो में स्थानीय फलों पर आधारित उत्पाद बढ़ानाए उत्पादों की एक नई रेंज शुरु करनाए और वैश्विक व्यवसाय इकाईयों में भारतीय फलों का निर्यात करना। हाल ही में कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए मिनट मेड पल्पी मोसंबी और फैंटा फ्रूटी ऑरेंज पेश किया हैए जिसमें 5%फलों का रस भारतीय बगीचों में उत्पन्न फलों से लिया गया है।

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