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समग्र समाचार सेवा
इंदौर, 20 मई- मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को इंदौर और भोपाल की मेट्रो परियोजनाओं में तुर्की की कंपनी ‘असिस गार्ड’ की भागीदारी पर सवाल उठाते हुए ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के प्रति सार्वजनिक समर्थन प्रकट करने की पृष्ठभूमि में की गई है।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और भारत विरोधी मानसिकता के लिए किसी भी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग अस्वीकार्य है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि मेट्रो परियोजना में शामिल कंपनी तुर्की से जुड़ी है, और यदि वह किसी भी प्रकार से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाई जाती है, तो उसके साथ समझौता समाप्त कर दिया जाए।
डिजिटल सिस्टम में काम कर रही है तुर्की की कंपनी
सूत्रों के अनुसार, ‘असिस गार्ड’ नामक तुर्की की कंपनी इंदौर और भोपाल मेट्रो में ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (AFC) गेट्स लगाने का कार्य कर रही है। यह वही कंपनी है जो ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में भी सक्रिय है। आरोप हैं कि इस कंपनी द्वारा निर्मित ड्रोन का उपयोग हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों में किया गया है।
मंत्री ने कहा, “यह एक गंभीर विषय है कि जो कंपनी ड्रोन बनाकर भारत के खिलाफ उपयोग में लाई जा रही है, वह हमारी ही मेट्रो परियोजना में अहम भूमिका निभा रही है। हमने अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
X पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “राष्ट्र सर्वोपरि… भारत विरोधी मानसिकता का कोई स्थान नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि भारत की संप्रभुता के खिलाफ खड़े किसी भी तत्व को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“राष्ट्र सर्वोपरि…भारत विरोधी मानसिकता का कोई स्थान नहीं”
हमारे लिए राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। जो भी भारत की संप्रभुता के विरुद्ध खड़ा होगा, वह चाहे कोई भी क्यों न हो, उसके साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग असहनीय है।
तुर्किये की कंपनी “असिस गार्ड”, जो ड्रोन निर्माण में…
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 19, 2025
ठेका निरस्त करने की संभावना
विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी कि मेट्रो परियोजना में यात्रियों की टिकटिंग प्रणाली से जुड़ा ठेका एक तुर्की कंपनी को दिया गया है। प्रारंभिक जानकारी मिलने पर ही उन्होंने इस संवेदनशील विषय को गंभीरता से लिया और ठेका निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के संकेत दिए।
मंत्री ने कहा, “अगर यह सिद्ध होता है कि कंपनी तुर्की की है और भारत विरोधी गतिविधियों से किसी भी रूप में जुड़ी है, तो उसके साथ कोई भी समझौता अस्वीकार्य होगा। ऐसे देश, जो भारत के खिलाफ षड्यंत्र में शामिल हैं या उनका समर्थन करते हैं, उन्हें किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाना चाहिए।”
भारत और तुर्किये के बीच हालिया कूटनीतिक तनाव की छाया अब इंदौर और भोपाल की मेट्रो परियोजनाओं तक पहुंच गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और किसी भी विदेशी कंपनी की भारत-विरोधी भूमिका उजागर होने पर उसे तत्काल प्रभाव से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
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