भारत, श्रीलंका में धार्मिक स्वतंत्रता के प्रोत्साहन के लिए अमेरिका ने मंजूर किए पांच लाख डॉलर

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत एवं श्रीलंका में धार्मिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने वाले विचारों एवं परियोजनाओं के साथ आगे आने वाले संगठनों के लिए करीब पांच लाख डॉलर के अनुदान को मंजूरी देने की घोषणा की है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो ने अपने नोटिस में कहा कि वह अपने 4,93,827 डॉलर के कार्यक्रम के जरिए ‘‘भारत में धर्म से प्रेरित भेदभाव एवं हिंसा को कम करना’’ चाहता है. वह श्रीलंका के लिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वहां सरकार के सभी स्तरों पर प्राधिकारी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा संबंधी राष्ट्रीय कानूनों एवं नीतियों को प्रभावशाली तरीके से लागू करें. ब्यूरो ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एवं सुरक्षा के समान उद्देश्यों के साथ भारत एवं श्रीलंका संबंधी कार्यक्रम के तहत राशि प्राप्त करने वालों की घोषणा इस संबंध में आवेदनों की छंटनी के बाद की जाएगी.

उसने कहा कि विदेश मंत्रालय भारत के मामले में चाहता है कि आवेदन करने वाले संगठन व्यापक हिंसा कम करने के लिए शुरूआती चेतावनी प्रणालियां विकसित एवं लागू करने, अल्पसंख्यक एवं बहुसंख्यक समूहों के बीच संघर्ष कम करने के कार्यक्रमों को लागू करने के प्रस्तावों के साथ आगे आएं. आवेदन में सभी प्रकार के मीडिया का इस्तेमाल करके घृणास्पद एवं भेदभाव पैदा करने वाले संदेशों का मुकाबला सकारात्मक संदेशों से करने वाले सफल कार्यक्रम गतिविधियों से जुड़े विचार पेश किए जाएं.

विदेश मंत्रालय यह भी चाहता है कि आवेदक धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के कानूनी प्रावधानों के बारे में (खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की) नागरिक समाज और पत्रकारों को शिक्षित करने, प्राधिकारियों को धार्मिक सुरक्षा के उल्लंघनकर्ताओं के बारे में बताने और मानवाधिकार मानकों के बारे में कानून प्रवर्तन को जागरूक करने के तरीकों के बारे भी अपने विचार रखें. विदेश मंत्रालय ने इस मकसद के लिए राशि मंजूर करने की आवश्यकता संबंधी प्रश्नों का तत्काल जवाब नहीं दिया. मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार ब्यूरो दक्षिण एवं मध्य एशिया में 28 लोकतांत्रिक, मानवाधिकार एवं श्रम कार्यक्रमों को समर्थन देता है. इन कार्यक्रमों के लिए दी जाने वाली राशि एक करोड़ 70 लाख डॉलर से भी अधिक है.

भारत इन अनुदान कार्यक्रमों के तहत राशि प्राप्त करने वाले देशों की विदेश मंत्रालय की सूची में शामिल नहीं हैं. इन कार्यक्रमों के तहत क्षेत्र में राशि प्राप्त करने वाले देशों की सूची में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. विदेश मंत्रालय की हाल में आई अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट के अनुसार ईसाई एवं मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने कहा है कि सरकार धर्म से प्रेरित हमलों के खिलाफ उनकी रक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही.

इसमें कहा गया है कि धर्म से प्रेरित हत्याओं, हमलों, दंगों, भेदभाव, बर्बरता और धर्म का पालन करने के व्यक्तियों के अधिकार को प्रतिबंधित करने वाले कदमों की खबर मिली हैं. इसमें कहा गया है कि अधिकतर मुस्लिम पीड़ितों के खिलाफ हत्याओं, भीड़ द्वारा हिंसा, हमलों एवं धमकी समेत स्वयंभू गोरक्षा समूहों की हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुओं ने मुसलमानों एवं ईसाइयों को धमकाया, उन पर हमला किया और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

News Source: khabar.ndtv.com

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