30 साल से खुद रोज साफ कर रहे स्कूल पर शौचालय

मैसूर। देश के सरकारी स्कूलों में कई समस्याओं में से एक गंदे शौचालय की समस्या आम है। शौचालय की सफाई के लिए या तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नहीं है या फिर जो है वह सफाई नहीं करते। इस बीच कई बार स्कूलों में बच्चों से ही शौचालय की सफाई करवाने की खबरें भी सामने आती रही है। परंतु कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल एक टीचर लोगों लिए मिसाल बन चुका है। यह सरकारी टीचर रोज अपने विद्यालय का शौचालय खुद साफ करते हैं। कर्नाटक के चमराजानगर जिले गुंड़लुपेट स्थित होंगाहल्ली सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बी महादेश्वर स्वामी हेड मास्टर है।

स्कूल में गंदे शौचालय की समस्या से निदान पाने के लिए उन्होंने खुद ही इसकी सफाई का जिम्मा उठाया है। जिसके बाद पिछले 30 वर्षों से वह हर रोज स्कूल का शौचालय खुद साफ करते हैं। यही नहीं महादेश्वर ने स्कूल में बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी भी बनवाई है। लाइब्रेरी को बनाने से लेकर किताबों का इंतजाम तक उन्होंने खुद अपनी जेब खर्च से किया है। स्कूल के बाहर बंजर पड़ी जमीन पर उन्होंने एक बगीचा भी बनाया है। महादेश्वर की इन कार्यों को लेकर स्थानीय लोग एवं विभाग के अधिकारी उनकी तारीफ करते नहीं थकते। उनका कहना है कि महादेश्वर स्वामी दूसरे सरकारी स्कूल के टीचरों के लिए एक प्रेरणा है।

लोगों के अनुसार महादेश्वर अपने शुरुआती दिनों से ही स्कूल के शौचालय की सफाई करते हैं। इसके अलावा बगीचे की देखभाल क्लास रूम की सफाई भी वह खुद ही करते हैं। इतना ही नहीं वह बच्चों को पढ़ाई के साथ ही साफ- सफाई के बारे में भी सिखाते हैं। बच्चों को एक्टिविटी में शामिल कर वह खुद उन्हें पढ़ाई के साथ ही खेलों में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं। उनके इस व्यवहार को देखते हुए अभिभावक खुशी-खुशी अपने बच्चों को इस स्कूल में भेजते हैं। महादेश्वर में बताया कि 6 फरवरी 1988 में उन्होंने स्कूल के शौचालय की सफाई का कार्य शुरू किया था। उस वक्त वह डॉक्टर एच सुदर्शन के आदिवासी स्कूल में पढ़ाते थे। इसके बाद उन्होंने 1994 में सरकारी स्कूल में नौकरी ज्वाइन की। परंतु इसके बाद भी उन्होंने स्कूल के शौचालय की सफाई का कार्य जारी रखा। वह इस स्कूल में बीते 8 सालों से है।

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