कोरोना से लड़ने मे खर्च हुई रकम CSR के दायरे मे आएगी : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

न्यूज़ डेस्क : आईसीएमआर के मुताबिक, देश में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 467 पहुंच गई है। कोरोना का ना सिर्फ जनता पर, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ रहा है। ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया और फिच रेटिंग्स सहित अन्य एजेंसियों ने भी भारत की GDP वृद्धि का अनुमान घटाया है। इसलिए लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार जल्द ही बेलआउट पैकेज का एलान कर सकती है। 

दरअसल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि, ‘देश में कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए सरकार इसे आपदा घोषित करने का निर्णय ले चुकी है। इसलिए कोरोना से लड़ाई में खर्च हुए फंड को सीएसआर एक्टिविटी के अंतर्गत माना जाएगा।’ 

 

टास्क फोर्स का भी हुआ गठन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था पर आए संकट को दूर करने के लिए वित्तमंत्री के नेतृत्व में कोविड 19 टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है।

मध्य वर्ग, निम्न मध्य वर्ग और गरीबों पर इसका बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है। इससे निपटने के लिए इस टास्क फोर्स का गठन किया है। उन्होंने कहा कि यह टास्क फोर्स कोरोना वायरस की वजह से निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का अध्ययन कर रही है। जो सभी स्टेक होल्डर्स से बात कर समय समय पर जरूरी कदम उठाएगा।

जरूरी कदम उठाएंगे सरकार व RBI
मालूम हो कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से बाजार में बैठ रहे ‘डर’ से निपटने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक सभी अनिवार्य कदम उठाएंगे। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में काफी कम है। अगले कुछ सप्ताह में घरेलू बाजार में स्थिरता देखने को मिलेगी क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी संकेत मजबूत बने हुए हैं। मुद्रास्फीति घट रही है, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है और देश के पास पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार है।

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