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नई दिल्ली ,10 जून -एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा, स्टारलिंक, भारत में लॉन्च के लिए तैयार है। हाल ही में कंपनी को भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से आवश्यक लाइसेंस प्राप्त हुआ है, जिससे यह देश में अपनी सेवाएँ शुरू करने के और करीब पहुँच गई है।
स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह लाइसेंस मिलने के बाद, कंपनी अब देश के दूरदराज और इंटरनेट से वंचित क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ शुरू करने की योजना बना रही है।
मूल्य निर्धारण और योजनाएँ
स्टारलिंक की सेवाओं के लिए उपयोगकर्ताओं को एक बार का हार्डवेयर शुल्क ₹33,000 देना होगा, जिसमें सैटेलाइट डिश और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। इसके बाद, मासिक असीमित डेटा योजना के लिए ₹3,000 से ₹4,200 तक का शुल्क लिया जाएगा। कंपनी एक महीने का निःशुल्क परीक्षण भी प्रदान करेगी, ताकि उपयोगकर्ता सेवा की गुणवत्ता का अनुभव कर सकें।
ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के लिए लाभ
स्टारलिंक की सैटेलाइट तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है। इस सेवा के माध्यम से, भारत के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी उच्च गति का इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सकेगा।
प्रतिस्पर्धा और भविष्य की योजनाएं
स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली तीसरी कंपनी होगी, इससे पहले भारती एयरटेल की वनवेब और रिलायंस जियो को यह लाइसेंस मिल चुका है। कंपनी ने भारतीय टेलीकॉम कंपनियों, जैसे रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी की है, जिससे उपकरणों की बिक्री और सेवा वितरण में सहायता मिलेगी।
स्टारलिंक की सेवाएं शुरू होने के बाद, यह भारत के डिजिटल परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां अब तक इंटरनेट की पहुंच सीमित रही है
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