श्री पीयूष गोयल ने दुनिया भर में फैले भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहा कि वे ब्रांड इंडिया के दूत बनें

उन्होंने भारत में चार्टर्ड अकाउंटेन्सी फर्मों से कहा कि वे वैश्विक साझेदारियां विकसित करें तथा अंतर्राष्ट्रीय फर्म बनें

श्री गोयल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने पूर्ववर्तियों की विश्वास, सत्यनिष्ठा और उच्च मानकों की महान विरासत का अनुकरण करें

उन्होंने आईसीएआई का आह्वान किया कि वह पूरी दुनिया में 100 कार्यालय खोलने की दिशा में काम करे

वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज दुनिया भर में फैले भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहा कि वे ब्रांड इंडिया के दूत बनें। अमेरिका में छह क्षेत्रों में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की शुरूआत करने के बाद वे सैन फ्रांसिसको में उपस्थितजनों को सम्बोधित कर रहे थे।

अपना कार्य-व्यवसाय बढ़ाने के विषय में अच्छा काम करने के लिये आईसीएआई के पदाधिकारियों को उन्होंने बधाई दी।

आजादी के अमृत महोत्सव पर बधाई देते हुये श्री गोयल ने कहा कि धीरे-धीरे शक्तिशाली बनने तथा भू-राजनीतिक क्षेत्र में अहम स्थान प्राप्त करने में अगले 25 वर्ष का समय भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है। आईसीएआई की भी भारत की इस यात्रा में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि वे उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब आईसीएआई के एक सौ अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय हो जायेंगे।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स आर्थिक विकास में महान योगदान कर रहे हैं और चार्टर्ड अकाउंटेन्ट सत्यनिष्ठा के संरक्षक हैं। सीए के हस्ताक्षर का उल्लेख करते हुये श्री गोयल ने कहा कि यह सत्यनिष्ठा और सच्चाई का प्रतीक है। सीए के हस्ताक्षर की कीमत के कारण उनका काम और भी गंभीर हो जाता है।

उन्होंने अकाउंटेन्ट्स की 21वीं वर्ल्ड कांग्रेस का उल्लेख किया, जिसका आयोजन 118 वर्षों में पहली बार नवंबर, 2022 को मुम्बई में हुआ था। इसकी चर्चा करते हुये श्री गोयल ने कहा कि भारत जब जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने वाला हो, तो यह आयोजन होना ही था। यह इस बात का प्रतीक है कि भारत की प्रांसगिकता विश्व में बढ़ती जा रही है।

हलचल भरे विश्व में भारत को एक स्थिर द्वीप के रूप में बताते हुये श्री गोयल ने कहा कि भारत तेजी से विकसित होते देशों में शामिल हो गया है। श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि 2014 से ही भारत लगातार मुद्रास्फीति पर नजर बनाये हुये है तथा सरकार उसी समय से सुनिश्चित कर रही है कि मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक की प्राथमिकता बनी रही। उन्होंने कहा कि 2014 से भारत में मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत रही है, जो आजादी के बाद से किसी भी आठ वर्षीय शासनकाल के दौरान अब तक की सबसे कम दर है।

दुनिया में मुद्रास्फीति के मौजूदा अनिश्चित परिदृश्य पर बोलते हुये श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अत्यंत आकर्षक निवेश गंतव्यों में से एक है और वह आज पूरी दुनिया में सबकी प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने कहा कि विश्व नेता द्विपक्षीय समझौतों के जरिये भारत के साथ अपने सम्बंध और व्यापार बढ़ाने का हर प्रयास कर रहे हैं। श्री गोयल ने कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ दो सफल एफटीए किये हैं तथा यूके के साथ होने वाली बातचीत बहुत आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि संभव है कि दीपावली तक यह समझौता हो जाये।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी, आईबीसी, व्यापार सुगमता के लिये सुधार करने तथा पहले जिन चीजों को अपराध की श्रेणी में रखा जाता था, उन्हें दुरुस्त करने, भारत में आने वाले नये व्यापारों पर कम कार्पोरेट टैक्स, प्रतिभूति वितरण करों तथा सिंगल विंडो जैसे आमूल आर्थिक बदलावों के जरिये भारत में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को विस्तार देने के लिये उत्साह बढ़ रहा है।

उन्होंने आईसीएआई और दुनिया भर के उसके सदस्यों से चार बिंदुओं पर आग्रह कियाः

  • उन्होंने आग्रह किया कि वे अपने अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के समक्ष भारत में उपलब्ध निवेश के अपार अवसरों को प्रस्तुत करें।
  • उन्होंने आईसीएआई के सदस्यों से कहा कि वे ब्रांड इंडिया के दूत बनें तथा भारत द्वारा पेश प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के बारे में संदेश प्रसारित करने में सहायक हों। श्री गोयल ने कहा कि हमारे यहां जीवंत ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) पहल तथा आत्मनिर्भता का उद्देश्य है, जो हमारे विकास दर्शन की बुनियाद हैं।
  • श्री गोयल ने विश्व भर में फैले आईसीएआई सदस्यों से आग्रह किया कि वे जहां भी संभव हो, खासतौर से उपहार देने के समय, वे भारत में बने उत्पादों का ही इस्तेमाल करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘सबका प्रयास’ का ध्येय-वाक्य दुनिया भर में फैले हर भारतीय पर लागू होता है।
  • श्री गोयल ने भारत में चार्टर्ड अकाउंटेन्सी फर्मों से आग्रह किया कि वे वैश्विक साझेदारियां विकसित करें तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फर्म बनें। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्ववर्तियों ने विश्वास, सत्यनिष्ठा और उच्च मानकों की जो महान विरासत हमारे लिये छोड़ी है, वह विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहे, ताकि हम विश्वास की उस कसौटी पर खरे उतरें, जो विश्वास दुनिया हम पर करती है।

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