सत्ता के लिये आप-कांग्रेस गुप-चुप गठबंधन की तैयारी कर रहे: मनोज तिवारी

– दिल्ली में रहवासी बिजली-पानी को परेशान
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज पत्रकारवार्ता में कहा कि आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस की सत्ता लोलुपता के चलते दोनों दल गुप-चुप गठबंधन की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में लीक कर छपवाया गया कांग्रेस का सर्वे हो या फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कर्नाटक सरकार के शपथग्रहण में जाना यह सब गठबंधन की ओर बढते कदमों के सूचक हैं। पत्रकारवार्ता में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, रविन्द्र गुप्ता एवं राजेश भाटिया आदि उपस्थित थे।

मनोज तिवारी ने कहा कि सर्वे इतना अजीब है की दिल्ली के लोग जहाँ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को चुनना चाहयते वहीं स्थानीय स्तर पर वह केजरीवाल सरकार से संतुष्ट भी है। देश का राजनीतिक इतिहास गवाह है की लोग अगर किसी स्थानीय दल को समर्थन देते हैं तो पूर्णताः से देते हैं और दिल्ली के मामले में लोगों ने आप का २०१५ विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में खूब साथ दिया पर २०१७ आते-आते जनता का केजरीवाल दल से मोह भंग हो गया और जनता ने २०१४ लोकसभा चुनाव की तरह नगर निगम चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत दिया।

अब आज हताश-निराश आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस की सत्ता लोलुपता उन्हे २०१३ विधानसभा चुनाव पश्चात किये अनैतिक गठबंधन को पुनः दोहराने को विवश कर रही है पर दिल्ली की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। इसी तरह आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने की मांग भी अपने कुशासन एवं निष्क्रियता से जनता का ध्यान भटकाने के लिये केजरीवाल दल का एक राजनीतिक नाटक मात्र है। दिल्ली की जनता आज पानी, बिजली की कमी, सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा एवं दिल्ली सरकार के विभागों के भ्रष्टाचार से त्रस्त है और उस सबसे जनता का ध्यान भटकाने के लिए अरविन्द केजरीवाल पूर्ण राज्य के दर्जे का राग अलाप रहे हैं।

निश्चित तौर से दिल्ली की जनता के हित में स्थानिय सरकार को कुछ अधिकार मिलने चाहियें पर वहीं दूसरी ओर वर्तमान संघीय ढांचा बहुत लचीला है। इसी ढांचे में कार्य कर भाजपा एवं कांग्रेस ने सरकारें चलायी हैं और शहर का विकास पर ध्यान दिया है। वहीं दूसरी ओर २०१३ में अनैतिक सत्ता पा कर हो या २०१५ में पूर्ण बहुमत पा कर अरविंद केजरीवाल सरकार नें संघीय ढांचे को लगातार चोट पहुंचाने का काम किया है। केजरीवाल सरकार की नियत दिल्ली के लिये पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की नहीं अपने लियें निरंकुश सत्ता पाना है।

वर्तमान संघीय व्यवस्था में केजरीवाल दल के भ्रष्टाचारी शासन पर उपराज्यपाल अंकुश लगा रहे हैं, सरकार ने तीन वर्ष में कोई विकास कार्य नही किया है अतः अब केजरीवाल सरकार पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग का ढोल पीट कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। हम मांग करते हैं की केजरीवाल दल से गठबंधन की तरफ बढ़ रही कांग्रेस पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे पर अपना रूख दिल्ली की जनता के सामने साफ करें।

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