दिल्ली रेल मंडल के बाद अब केंद्रीय अस्पताल में हुए वेतन घोटाले से मचा हड़कंप

नई दिल्ली । दिल्ली रेल मंडल और उसके बाद उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल में हुए वेतन घोटाले से रेल प्रशासन की नींद उड़ गई है। इस तरह के और मामले हो सकते हैं। इसलिए अब प्रत्येक कर्मचारी की शारीरिक सत्यापन (फिजिकल वेरीफिकेशन) करने का फैसला किया गया है। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करके इसी माह उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी जिससे कि भविष्य में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।

पिछले पांच माह में दिल्ली में वेतन घोटाले के दो मामले सामने आ गए हैं। जनवरी माह में दिल्ली मंडल में फर्जी कर्मचारियों के नाम से वेतन, भत्ते व ओवर टाइम के भुगतान का मामला सामने आया था। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया था।

इस मामले में एक महिला कर्मचारी को निलंबित किया गया था। सतर्कता विभाग मामले की जांच कर रहा है। इस घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को कर्मचारियों और उनके दस्तावेज की जांच करने के निर्देश दिए थे। कर्मचारियों का वेतन जिस अधिकारी के हस्ताक्षर से बनता है उसकी जिम्मेदारी भी तय की गई थी। इससे लगा था कि अब इस तरह की अनियमितता नहीं होगी, लेकिन पिछले सप्ताह केंद्रीय अस्पताल में एक और मामला सामने आ गया।

इस मामले में भी नौ फर्जी डॉक्टरों के नाम पर पिछले दो वर्षों से वेतन, भत्ते व एरियर के भुगतान की बात सामने आई है। उत्तर रेलवे के लेखा विभाग को शक होने पर मामले की जांच की गई जिससे यह घोटाला पकड़ा जा सका। इस मामले में सीनियर क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है। सतर्कता विभाग मामले की जांच कर रहा है। इन दोनों मामलों में और लोगों के संलिप्त होने की भी आशंका जताई जा रही है। इसके साथ ही दूसरे विभागों में भी इस तरह की गड़बड़ी की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

इस स्थिति को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों के फिजिकल वेरिफिकेशन का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है। सभी सीनियर सबऑर्डिनेट व सबऑर्डिनेट तथा सेक्शन इंचार्ज को उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों और उनके दस्तावेज की जांच कर उसे सत्यापित करने के लिए कहा गया है।

इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत इसकी जानकारी उच्च अधिकारी को देनी होगी। कनिष्ठ अधिकारियों को भी फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों व उनके दस्तावेज की जांच कर इसकी रिपोर्ट शाखा अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया गया है। संबंधित अधिकारी को कर्मचारियों के दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ठ को सत्यापित करना होगा।

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