राष्ट्रपति ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन कैंपेन 2022 की शुरुआत की

जल आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने के लिए 2019 में जल शक्ति अभियान और जल जीवन मिशन शुरू किया गया था: श्री राम नाथ कोविंद

“मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये पुरस्कार भारत के लोगों के मन में जल चेतना का संचार करेंगे और जल को लेकर व्यवहार में बदलाव लाने में मदद करेंगे”

जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए हितधारकों और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार: श्री गजेंद्र सिंह शेखावत

ग्रेटर नोएडा में 1-5 नवंबर से आयोजित होने वाले भारत जल सप्ताह – 2022 की प्रथम सूचना विवरणिका भी जारी की गई

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा शुरू किए गए तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं को आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सम्मानित किया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन कैंपेन 2022 का शुभारंभ किया। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और श्री प्रहलाद सिंह पटेल तथा दोनों विभागों के सचिवों के साथ आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय जल संसाधन कार्यक्रम इंडिया वाटर वीक -2022 के 7वें संस्करण की प्रथम सूचना विवरणिका जारी की। इसका आयोजन 1-5 नवंबर, 2022 को इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में करने की योजना है।

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सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह कहना सही होगा कि जल ही जीवन है और उस प्रकृति ने हमें नदियों आदि जैसे जल संसाधन दिए हैं। हालांकि, दुर्भाग्य से अब हम उस प्रकृति से खुद को अलग महसूस करते हैं जिससे हमारा अस्तित्व है। शहरीकरण के कारण पारंपरिक जल संरक्षण संरचनाएं लुप्त हो रही हैं और जल प्रबंधन की चुनौती की आज वैज्ञानिक रूप से चर्चा हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत परंपरागत रूप से अपनी नदियों की पूजा करता है और जल सुरक्षा हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हम सभी जीवन, आजीविका और विकास के लिए पानी के महत्व को समझते हैं। पानी की कमी, बाढ़ और सूखे का सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों के जीवन पर सबसे अधिक असर पड़ता है। जल संसाधनों की उपलब्धता सीमित है और यह वर्षा पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन, जो जल चक्र में बदलाव के रूप में स्वयं दिख रहा है, हमारी जल सुरक्षा के लिए भी खतरा है। करीब 3-4 दशक पहले पानी खरीदने की जरूरत नहीं थी। आज हम देश के कुछ हिस्सों में पानी को लेकर दंगों के बारे में सुनते हैं। भारत में स्थिति विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है क्योंकि भारत में दुनिया की लगभग 18% आबादी रहती है, लेकिन हमारे पास दुनिया के ताजे जल संसाधनों का सिर्फ 4% है। यह भी कहा जाता है कि अगला युद्ध पानी को लेकर होगा। इस पृष्ठभूमि में, राष्ट्रपति ने कहा कि, “हम सभी को सतर्क और तैयार रहना होगा। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि जल शक्ति मंत्रालय जल क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठा रहा है।

मई 2019 में, जल शक्ति मंत्रालय का गठन तत्कालीन जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के विलय के बाद किया गया था। यह प्राथमिकता के आधार पर पानी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए किया गया था। मुझे खुशी है कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नदी संरक्षण, जल सुरक्षा को प्राथमिकता देने, सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने और बांधों के पुनर्वास आदि सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं।

जल आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने के लिए 2019 में जल शक्ति अभियान और जल जीवन मिशन शुरू किया गया था जिसमें कई पुनर्भरण संरचनाएं बनाई गईं और इसमें करोड़ों लोग शामिल हुए। 22 मार्च 2022 को भारत के प्रधानमंत्री ने “कैच द रेन, व्हेयर इट फॉल्स, व्हेन इट फॉल्स” अभियान शुरू किया। मुझे जल शक्ति अभियान शुरू करते हुए खुशी हो रही है: 29 मार्च, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक की अवधि के लिए ‘कैच द रेन 2022’। मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि स्प्रिंग शेड विकास, जलग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा, जल क्षेत्र में लैंगिक मुख्यधारा जैसी कुछ नई बातें इस अभियान में जोड़ी गईं। मुझे विश्वास है कि लैंगिक मुख्यधारा से जल संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा।

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श्री कोविंद ने कहा कि, “मैं उम्मीद करता हूं कि राज्य सरकारें इस साल जोश और उत्साह के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार हैं, जो देश में पानी की कमी की समस्या से निपटने में काफी मददगार साबित होगा। मैं जल शक्ति मंत्रालय को राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का आयोजन करने के लिए भी बधाई देना चाहता हूं, जो प्रभावी जल प्रबंधन के लिए एक जन आंदोलन बनाने के लिए सबसे उपयुक्त और समय पर की गई पहल है।”

राष्ट्रपति ने आगे कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि जल शक्ति मंत्रालय राज्यों, संगठनों, व्यक्तियों आदि को 11 विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दे रहा है। कुछ विजेताओं ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। ऐसे उदाहरणों में ही जल से सुरक्षित भविष्य की हमारी आशाएं पलती हैं। मैं सभी विजेताओं को न केवल बधाई देता हूं बल्कि उनसे अनुरोध भी करता हूं कि वे हम सभी के लिए प्रेरणा बने रहें। मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये पुरस्कार भारत के लोगों के मन में जल चेतना का संचार करेंगे और जल के प्रति हमारे व्यवहार में बदलाव लाने में मदद करेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर मैं एक बार फिर उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने जल सुरक्षा से जुड़ी इन पहलों में भाग लिया है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वागत भाषण देते हुए जल संरक्षण अभियान को नई ऊर्जा देने के लिए राष्ट्रपति का धन्यवाद किया। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में शीर्ष 3 राज्यों सहित सभी विजेताओं को जल प्रबंधन के क्षेत्र में उनके काम के लिए बधाई दी। श्री शेखावत ने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत परंपरागत रूप से जल संसाधनों का सम्मान करता रहा है। उन्होंने इस तथ्य की पृष्ठभूमि में वर्षा जल संचयन के महत्व पर जोर दिया कि देश में केवल 8% वर्षा जल का ही संचयन किया जाता है और कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘कैच द रेन’ अभियान शुरू किया।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने सभा को बताया कि 2019 से राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का गठन किया जा रही है और जल प्रबंधन की दिशा में विभिन्न हितधारकों द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा दूसरों को अपना काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हितधारकों और लोगों को जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय जल पुरस्कार की आवश्यकता महसूस की गई। ये पुरस्कार पानी के महत्व पर जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और प्रभावी जल प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी काम करते हैं।

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जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में शुरू किया गया था। राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ प्रमुख संगठनों को वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और इस बात पर विचार-विमर्श करने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया है कि देश में कैसे सर्वोत्तम जल संसाधन प्रबंधन प्रणालियों को अपनाया जाए।

जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने राज्यों, संगठनों, व्यक्तियों आदि को 11 अलग-अलग श्रेणियों – सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ मीडिया ( प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक), सर्वश्रेष्ठ स्कूल, सर्वश्रेष्ठ संस्थान / आरडब्ल्यूए / कैंपस उपयोग के लिए धार्मिक संगठन, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ एनजीओ, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ और सीएसआर गतिविधि के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग में 57 पुरस्कार दिए। इनमें से कुछ श्रेणियों में देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए उप-श्रेणियां भी हैं। विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार दिया जाता है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु राज्यों को सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला है।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्यूए) सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के विज़न को हासिल करने के लिए देश भर में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों तथा प्रयासों पर केंद्रित है। यह पुरस्कार सभी लोगों और संगठनों को जल संसाधन प्रबंधन गतिविधियों में एक मजबूत साझेदारी तथा लोगों की भागीदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

2019 में जल शक्ति अभियान के सफल कार्यान्वयन के बाद, जो जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय आह्वान था और जिसे देश के 256 जिलों में जल की कमी से बदहाल 1,592 ब्लॉकों में लागू किया गया, जल शक्ति अभियान- II: कैच द रेन, ह्वेयर इट फॉल्स, व्हेन इट फॉल्स कैंपेन को प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च 2021 को विश्व जल दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था, जिसे प्री-मानसून और मानसून अवधि यानी मार्च 2021 से 30 नवंबर 2021 के दौरान देश के सभी जिलों (ग्रामीण और साथ ही शहरी क्षेत्रों) में चलाया गया था। इस अभियान को पूरे देश में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। 22 मार्च 2021 को लॉन्च होने के बाद से 31 दिसंबर 2021 तक, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को मिलाकर  36 करोड़ से अधिक वनरोपण कार्यों, 43,631 प्रशिक्षण कार्यक्रमों /किसानो मेलों के अलावा कुल 46 लाख से अधिक जल संबंधी कार्य पूर्ण हुए/चलते रहे हैं और 306 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए गए। अकेले मनरेगा के तहत 65000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। जल संरक्षण से संबंधित कार्यों के अलावा, जल निकायों की सूची बनाने के लिए मौजूदा जल निकायों/संरचनाओं की पहचान के लिए रिमोट सेंसिंग उपग्रह छवियों और जीआईएस मैपिंग तकनीक का उपयोग किया गया था।

जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2022 में जो कुछ नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं, वे हैं स्प्रिंग शेड विकास, जलग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा, जल क्षेत्र में लैंगिक मुख्यधारा। जल क्षेत्र में लैंगिक मुख्यधारा शामिल किए जाने से जल संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकारें अपने राज्य के प्रत्येक जिले में जल शक्ति केंद्र स्थापित करने का कार्य पूरा करेंगी जो ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा और जल संबंधी सभी समस्याओं / मुद्दों का एक ही स्थान पर समाधान करेगा। यह जल्द से जल्द जिला जल संरक्षण योजना भी तैयार करेगा। यदि इस वर्ष अभियान के तहत देश के सभी जल निकायों की गणना की जाए तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।

इस अभियान के शुभारंभ के दौरान सभी सरपंचों ने विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया और गांव के लोगों को जल शपथ दिलाई। “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” अभियान का सफल कार्यान्वयन जमीनी स्तर पर स्थानीय समुदाय के लोगों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करता है, जहां स्थानीय समुदाय के लोग जल संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से पानी की कमी के मुद्दों का समाधान करने के लिए “जल योद्धा” बनेंगे और जल संरक्षण संरचनाओं की संपत्ति के मालिक के रूप में काम करेंगे। “जल शक्ति के लिए जन शक्ति” की इच्छा को पूरा करने के साथ अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति की प्रेरणा और सक्रिय भागीदारी के लिए जिला मजिस्ट्रेट तथा ग्राम सरपंच स्थानीय आबादी को “मार्ग दर्शक” के रूप में प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

प्रथम सूचना विवरणिका के विमोचन के साथ इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में 1-5 नवंबर, 2022 तक आयोजित होने वाले भारत के अंतर्राष्ट्रीय जल संसाधन कार्यक्रम इंडिया वाटर वीक- 2022 के 7वें संस्करण का कर्टन रेज़र भी आज आयोजित किया गया। समारोह के दौरान भारत जल सप्ताह कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं को दर्शाते हुए आईडब्ल्यूडब्ल्यू- 2022 पर एक परिचयात्मक फिल्म प्रस्तुत की गई। 7वां इंडिया वाटर वीक- 2022 सम्मेलन के विषयों और उप-विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों, योजनाकारों, नवप्रवर्तनकर्ताओं और हितधारकों को एक साथ लाएगा। 7वें आईडब्ल्यूडब्ल्यू का विषय “समानता के साथ सतत विकास के लिए जल सुरक्षा” है। 5 दिवसीय कार्यक्रम में संभावित भागीदारों और ग्राहकों को खोजने के लिए व्यापार के अवसर प्रदान करने के अलावा सेमिनार, पैनल चर्चा, साइड इवेंट, प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्मेलन होगा। इसके अलावा, जल संसाधन प्रबंधन क्षेत्र में काम कर रहे सभी हितधारकों के लिए एक समावेशी मंच प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम में मंत्रालयों और विभागों की प्रमुख योजनाओं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा कार्यक्रम, युवा पेशेवरों के लिए सत्र, स्कूली बच्चों के लिए कार्यक्रम, गैर सरकारी संगठनों/सफलता की कहानियों आदि पर विशेष सत्र होंगे।

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