आत्महत्या मामले में आर्थिक लाभ पर रोक संबंधी याचिका निरस्त

नैनीताल : हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि राजकोष का दुरुपयोग न हो, अलबत्ता यह भी साफ किया कि सरकार नीति बनाकर किसी को आर्थिक लाभ दे सकती है। कोर्ट ने आत्महत्या के मामले में राजकोष से मदद देने पर रोक लगाने से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए। सरकार की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

चंपावत निवासी रीता गहतोड़ी ने जनहित याचिका दायर कर आत्महत्या के प्रकरणों पर राजकोष से मदद पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के आत्महत्या प्रकरण का उदाहरण देते हुए कहा गया था कि धमकी देकर आत्महत्या करने वालों के प्रकरणों में सरकार के मुआवजा देने पर रोक लगाई जाए।

याची का कहना था कि राजकोष का बजट जनकल्याण के कार्यों में लगाया जाए, न कि ऐसे मामलों में। सरकार को जनता कर देती है। यदि इस तरह के मामलों में राजकोष से मदद दी गई तो आत्महत्या के साथ ही अपराध के मामले भी बढ़ेंगे।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के मामले में सरकार द्वारा मुआवजे का निर्णय नहीं लिया गया। साथ ही कहा कि आत्महत्या के हर मामले को एक पहलू से नहीं देखा जा सकता। मसलन किसानों से संबंधित मामले को इस नजरिये से नहीं देखा जा सकता। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।

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