अब एक राज्य से दूसरे राज्य गाड़ी ले जाने पर नहीं होगा दुबारा रजिस्ट्रशन ?

न्यूज़ डेस्क : वाहनों को लेकर अगर ग्राहकों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो वो है गाड़ी का दोबारा सक रजिस्ट्रेशन कराना। अब आप यह पूछ सकते हैं कि एक ही गाड़ी का दो बार क्यों रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा, तो इसका जवाब आपको वो ग्राहक सबसे बेहतर दे सकते हैं जिन्हें अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाना पड़ता है।

 

सीधी भाषा में बताएं तो जब भी कोई ग्राहक अपने वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाता है, तो उसे अपनी गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। यहां गाड़ी ले जाना मतलब यात्रा से नहीं बल्कि वहां बसने से है। ऐसे में अब इस नियम को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। गाड़ी के दोबारा रजिस्ट्रेशन को लेकर हुई सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है।

 

जनहित याचिका पर सुनवाई : दोबारा गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को लेकर ‘आप’ नेता दीपक वाजपेयी ने एक जनहित याचिका दायर की थी। इसी मामले पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता की अर्जी पर परिवहन मंत्रालय को नोटिस जारी कर उनका पक्ष पूछा है।

 

आप’ नेता दीपक वाजपेयी जो इस मामले के याचिकाकर्ता भी हैं, उन्होंने एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहन को ले जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन संबंधी नियमों को बेतुका बताया है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में वाहन मालिकों को पिछले राज्य में चुकाए गए टैक्स का रिफंड लेने में परेशानी होती है। उन्होंने आगे कहा कि पहले वाहन मालिक नए राज्य में सड़क टैक्स देता है। फिर रसीद लेकर उन्हें रिफंड के लिए पहले वाले राज्य में जाना पड़ता है। इससे वाहन मालिकों को बार-बार आरटीयो के चक्कर लगाने पड़ते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया खर्चीली भी है और अव्यावहारिक भी।

 

अब ऐसे में देखना है कि केंद्र सरकार कोर्ट के इस नोटिस का क्या जवाब देती है। वहीं, आने वाले समय में पता चलेगा कि क्या दोबारा रजिस्ट्रेशन वाला यह नियम हटेगा या फिर ऐसे ही बना रहेगा।

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