अभी टला नहीं खतरा, अब 12 मई को पाकिस्तान की ओर से आएगा आंधी-तूफान

नई दिल्ली । मंगलवार को आने वाला आंधी और तूफान भले टल गया हो, लेकिन यह संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी 12 मई को फिर एक बार पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) आने की संभावना बन रही है। अबकी बार यह डब्ल्यूडी ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ओर से आएगा। बड़ी बात यह कि इसकी गहनता भी कहीं ज्यादा होगी। ऐसे में जान-माल का नुकसान भी हो सकता है।

मौसम विभाग के मुताबिक, 12 मई को आने वाला संभावित डब्ल्यूडी 2 मई को तबाही मचाने वाले पश्चिमी विक्षोभ से तो हल्का होगा, मगर उससे ज्यादा मजबूत होगा जिनकी 7 और 8 मई के लिए आशंका जताई गई थी। मंगलवार के लिए कहा गया था कि दिल्ली एनसीआर में 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार जबकि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में 100 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चलेगी तथा तेज बारिश आएगी। अब यह बात अलग है कि डब्ल्यूडी के कमजोर पड़ जाने से ऐसा कुछ हुआ नहीं।

जागरण से बातचीत में मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने बताया कि अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक 12 मई को संभावित आंधी की गति एवं बारिश की तीव्रता दोनों ज्यादा होगी। इस डब्ल्यूडी का प्रभाव क्षेत्र कमोबेश मंगलवार वाला ही रहेगा। हालांकि इस बाबत अपडेट एक दो दिन बाद ही दिया जा सकेगा।

ग्लोबल वार्मिंग ऐसी परिस्थितियां बनने की मुख्य वजह डॉ. केजे रमेश बताते हैं कि बार बार डब्ल्यूडी आने और इस तरह से उनकी प्रभाव क्षमता बढ़ने से जानमाल का भारी नुकसान होने के पीछे मुख्य वजह ग्लोबल वार्मिंग है। इसी की वजह से तापमान बढ़ रहा है। तापमान बढऩे से वातावरण में नमी बढ़ रही है। नमी के प्रभाव से डब्ल्यूडी, चक्रवाती हवा और ऊपरी हवा में कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है जो इस तरह के आंधी तूफान के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाता है।

रमेश बताते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने की मुख्य वजह ग्रीन हाउस गैसों का बढऩा, हरियाली का कम होना और वायु प्रदूषण के कारण हवा में लगातार फैल रही जहरीली गैसे हैं। कोयला आधारित पावर प्लांट व कृषि संबंधी गतिविधियों से मिथेन गैस का उत्सर्जन भी ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि कर रहा है। प्रकृति का संतुलन बहुत तेजी से असंतुलित हो रहा है। ऐसे में इस सभी पर रोकथाम- नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने ही होंगे।

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