नील चटर्जी दूसरी बार फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष बने

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के नील चटर्जी को फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन (एफईआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह एक एजेंसी है, जो अमेरिका के पावर ग्रिड की देखरेख करती है। यह एजेंसी अरबों डॉलर के एनर्जी प्रोजेक्ट के बारे में फैसला लेती है।

एफईआरसी कमिश्नर चटर्जी को एजेंसी के अध्यक्ष केविन मैकइन्टीयर की जगह नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मैकइन्टीयर ने 22 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि ट्रम्प ने नील चटर्जी को फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष पद के लिए चुना है। वह वर्तमान में एफईआरसी के तीन आयुक्तों में से एक हैं। यह दूसरी बार है जब चटर्जी को एफईआरसी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।

इससे पहले उन्होंने 10 अगस्त, 2017 से 7 दिसंबर 2017 तक एफईआरसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। चटर्जी अमेरिकी सीनेट नेता मिच मैककोनेल के ऊर्जा नीति सलाहकार रहे हैं। उन्होंने प्रमुख ऊर्जा, राजमार्ग और कृषि कानून के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उल्लेखनीय है कि चटर्जी के माता पिता लगभग 50 साल पहले अमेरिका चले गए थे। उन्होंने सेंट लॉरेंस विश्वविद्यालय और सिनसिनाटी कॉलेज ऑफ लॉ विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। लीडर मैककोनेल के साथ काम करने से पहले उन्होंने नेशनल रूरल एलेक्ट्रिक कोआपरेटिव एसोसिएशन के लिए सरकारी संबंधों में बतौर प्रिंसिपल के रूप में ​काम किया था।

उन्होंने ओहियो के हाउस रिपब्लिकन कॉन्फ्रेंस चेयरवॉमन डेबोरा प्राइस के सहयोगी के रूप में भी काम किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा मनोनीत किए जाने से पहले चटर्जी ने आठ सालों तक सीनेट नेता के साथ काम किया था।

एफआईआरसी बिजली बाजारों की निगरानी और उचित दरों को सुनिश्चिम करने के लिए जिम्मेदार हैं। बुनियादी ढांचे जैसी परियोजना के लिए आवेदन की मंजूरी, साइबर सुरक्षा और रक्षा की भूमिका निभाने संबंधी पॉलिसी बनाने के लिए एजेंसी की बड़ी भूमिका है।

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