प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को पीएमएवाई-जी की पहली किस्त हस्तांतरित की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को पीएमएवाई-जी की पहली किस्त हस्तांतरित की। इस अवसर पर लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 700 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। प्रधानमंत्री की पहल के बाद, त्रिपुरा की अनूठी भू-जलवायु स्थिति को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से राज्य के लिए ‘कच्चा’ घर की परिभाषा बदल दी गई है। परिणामस्वरूप, इतनी बड़ी संख्या में ‘कच्चे’ घरों में रहने वाले लाभार्थी ‘पक्का’ घर बनाने के लिए सहायता प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री ने धलाई, त्रिपुरा की अनिता कुकी देबबर्मा के साथ संवाद करते हुए उनसे उनके जीवन एवं आजीविका के बारे में पूछा और उनसे एक मजबूत एवं उत्कृष्ट घर बनाने को कहा, क्‍योंकि शीघ्र ही उनके पास एक पक्का घर होगा। प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है, तभी से गरीबों और जनजातीय वर्ग का कल्याण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। एकलव्य विद्यालय, वन उपज संबंधी योजनाएं तैयार करके उन्‍हें जमीनी स्‍तर पर कार्या‍न्वित किया जाता है। उन्‍होंने लाभार्थी से अपने बच्चों को शिक्षा देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने सेपाहिजाला की श्रीमती सोमा मजूमदार से इस योजना से लाभान्वित होने के उनके अनुभव के बारे में पूछा। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि नया पक्का घर मिलने के बाद उनका जीवन किस तरह से बेहतर होगा। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस योजना की बदौलत उनका अपना पक्का घर होने का सपना साकार हो रहा है और इससे मानसून के दौरान काफी सहूलियत होगी। प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह किया कि इन किस्‍तों को केवल अपने घर के निर्माण पर ही खर्च करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य लाभार्थियों को बिना किसी परेशानी या बिचौलिए के योजना का लाभ दिलाना है।

प्रधानमंत्री ने उत्तरी त्रिपुरा के श्री समीरन नाथ से पूछा कि क्या उन्हें अपने घर के निर्माण के लिए ‘पीएमएवाई-जी’के तहत किस्‍तों से जुड़े लाभों के बारे में पता है। प्रधानमंत्री ने उनसे योजना-पूर्व विभिन्‍न गतिविधियों जैसे कि सर्वेक्षण से जुड़े उनके अनुभव के बारे में भी पूछा जो उनके घर के निर्माण के लिए किया गया था। प्रधानमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि क्या उन्हें इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने में किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा या क्या उन्होंने लाभ प्राप्त करने के लिए रिश्वत का सहारा लिया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले की व्‍यवस्‍था की कड़ी आलोचना की जिसमें लाभार्थियों को बिना रिश्वत दिए कोई भी लाभ नहीं मिल पाता था।

दक्षिण त्रिपुरा की श्रीमती कादर बिया से बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या वह जानती हैं कि इस स्कीम के तहत उन्हें किस्तों के रूप में कितनी राशि प्राप्त होगी। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी यह सपना देखा था कि उनकी इच्छा के अनुरूप और जिस प्रकार के घर की उन्होंने उम्मीद की थी, सरकार ऐसे घर के निर्माण में वित्तीय रूप से उनकी सहायता करेगी। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि पक्का घर उनके जीवन में खुशियां लाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीमती बिया जैसे लाभार्थी इसके प्रमाण हैं कि सरकार बिना किसी भेदभाव और बिचौलियों के, उनके लिए लाभ सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री और उनकी टीम की त्वरित गति से कार्य करने के लिए सराहना की और कहा कि चाहे बिप्लब कुमार देब जी की सरकार हो या मोदी सरकार हो, नागरिकों के कल्याण में अनावश्यक नियमों को बाधा नहीं बनने दिया गया है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि जहां तक संभव है, पीएमएवाई के तहत घर महिलाओं के नाम पर हैं।

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