मुक्केबाज दिनेश कुमार का मामला सामने आया है।

भिवानी : देश में खेलों को बढ़ावा देने कई योजनाएं चलायीं जा रहीं हैं पर इसके बाद भी कई खिलाड़ियों की बदहाली के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। अब एक ऐसे ही मुक्केबाज दिनेश कुमार का मामला सामने आया है। दिनेश आजकल ठेले पर कुल्फी बेचकर अपना परिवार चला रहा है।

दिनेश ने अपने मुक्केबाजी करियर में शानदार प्रदर्शन कर कुल 17 स्वर्ण, एक रजत और 5 कांस्य पदक जीते थे। यहां तक की उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिला पर लेकिन आज अपनी आजीविका कमाने और पिता के सिर से कर्ज का बोझ उतारने के लिए यह मुक्केबाज कुल्फी बेचने को मजबूर है।

30 वर्षीय दिनेश कुछ साल पहले एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। दुर्घटना में चोटिल हुए दिनेश के इलाज के लिए पिता को कर्ज लेना पड़ा। इस चोट से दिनेश का मुक्केबाज करियर समय से पहले ही समाप्त हो गया। दिनेश को मुक्केबाजी की ट्रेनिंग दिलाने के लिए भी उनके पिता ने कर्ज लिया था। पिता की चाहत थी कि उनका बेटा विश्व स्तर पर मुक्केबाजी में सफल बने।

दिनेश ने कई बार सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें कोई नौकरी मिल जाए, ताकि वह अपनी आजीविका चला सकें लेकिन न तो पूर्व की सरकार और न ही वर्तमान सरकान ने अभी तक उनकी कोई मदद की है।

दिनेश को आखिरकार अपनी आजीविका के लिए और सिर से कर्ज का बोझ उतारने के मकसद से पिता के साथ कुल्फी बेचने को मजबूर होना पड़ा है। दिनेश सरकार से चाहते हैं कि उन्हें बतौर कोच राज्य में कोई नौकरी मिल जाए, ताकि वह युवा मुक्केबाजों को अंतरराष्ट्रीयस्तर के लिए तैयार कर सकें।

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