कैब कंपनियां से उपजा असुरक्षा का भाव, दिल्‍ली में लचर हुई सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के हालात ठीक न होने के कारण पिछले कुछ सालों में एप आधारित आधा दर्जन से अधिक  भारतीय व विदेशी कैब कंपनियों ने अपनी कैब उतार दिए।

इन कैबों से लोगों को काफी सुविधा तो हो रही है लेकिन अक्सर यह भी देखा जा रहा है कि एप आधारित कैबों में आए दिन चालकों द्वारा महिलाओं के साथ छेड़खानी, दुव्र्यवहार, दुष्कर्म व लूटपाट तक की घटनाएं भी होने लगी है। लगातार घटनाओं के बावजूद कैब कंपनियां महिलाओं को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त नहीं कर पा रही है।

अगर समय रहते कैब कंपनियों ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोक कदम नहीं उठाएगी तो आने वाले समय में रात के समय अकेले कैब की सेवा लेने से महिलाएं कतराने लगेगी।

दिल्ली पुलिस भी इस गंभीर मसले को लेकर कैब कंपनियों की जल्द मीटिंग बुला उन्हें दिशा निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है।

करीब चार साल पूर्व अमेरिकी कैब कंपनी उबर के चालक ने ही उत्तरी दिल्ली के इंद्रलोक में 25 साल की एनालिस्ट युवती से दुष्कर्म कर सनसनी फैला दी थी। चालक ने देर रात सुनसान जगह पर कैब को रोक पहले घिनौनी हरकत की थी फिर इंद्रलोक में युवती के घर के पास लेजाकर छोड़ दिया था।

दुष्कर्म के दौरान विरोध जताने पर दरिंदे शिव कुमार ने युवती के चेहरे व गले को भी नोंच डाला था और पेट में सरिया घुसेड़ कर मार डालने की धमकी दी थी। युवती सराय रोहिल्ला के इंद्रलोक में अपनी मां के साथ रहती थी। वह माता-पिता की इकलौती संतान है। उसके पिता जापान में एक कंपनी में मैनेजर हैं।

बेटी की शादी के सिलसिले में वह उन दिनों दिल्ली आए थे। युवती विदेश से एमकॉम करने के बाद गुडग़ांव की फाइनेंस कंपनी अर्न स्टोंग यूनीटेक इंफो स्पेस में बतौर एनालिस्ट नौकरी करती थी। उक्त घटना के बाद भी उबर कंपनी ने कोई सीख नहीं ली।

उबर के चालकों पर समय समय पर महिलाओं के साथ छेड़खानी व अश्लील हरकत करने के आरोप लगते रहे। पिछले साल मार्च महीने में भी महरौली से गुरुग्राम अपने कार्यालय जा रही महिला के साथ कैब चालक द्वारा दुव्र्यवहार करने की बात सामने आई थी। जुलाई 2016 में उबर के चालक इंतजार पर यात्री के साथ लूटपाट करने के आरोप लगे थे। क्राइम ब्रांच ने उबर कैब जब्त कर लिया था।

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