शिक्षा मंत्रालय ने एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (यूडाइस+) 2020-21 पर रिपोर्ट जारी की

शिक्षा मंत्रालय ने आज भारत की स्कूली शिक्षा पर एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (यूडाइस+) 2020-21 पर रिपोर्ट जारी की है।

विद्यालयों से ऑनलाइन डेटा संग्रह की यूडाइस+ प्रणाली को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2018-19 में विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य दस्तावेज के प्रारूप में मैनुअल डेटा भरने के पहले के अभ्यास और इसके बाद 2012-13 से संचालित यूडाइस डेटा संग्रह प्रणाली में प्रखंड या जिला स्तर पर कंप्यूटर पर फीडिंग से संबंधित मुद्दों को दूर करना है।

यूडाइस+ प्रणाली में विशेष रूप से डेटा संग्रह, डेटा मानचित्रण और डेटा सत्यापन से संबंधित क्षेत्रों में सुधार किए गए हैं। यूडाइस+ डेटा से संबंधित मौजूदा रिपोर्ट साल 2020-21 के लिए संदर्भित है।

 

विद्यालयों में छात्र और शिक्षक:

2020-21 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक स्कूली शिक्षा में नामांकित कुल छात्रों की संख्या 25.38 करोड़ थी। इससे पहले 2019-20 में यह आंकड़ा 25.10 करोड़ था। यानी 2020-21 में नामांकन में 28.32 लाख की बढ़ोतरी हुई है।

सकल नामांकन अनुपात (जीईआर), जो भागीदारी के सामान्य स्तर का मापन करता है, स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर 2019-20 की तुलना में 2020-21 के दौरान सुधार हुआ है। 2019-20 की तुलना में 2020-21 में स्तरवार जीईआर हैं: उच्च प्राथमिक में 89.7 फीसदी से 92.2 फीसदी, प्राथमिक में 97.8 फीसदी से 99.1 फीसदी, माध्यमिक में 77.9 फीसदी से 79.8 फीसदी और उच्चतर माध्यमिक में 51.4 फीसदी से 53.8 फीसदी।

2020-21 के दौरान विद्यालयों में कुल 96.96 लाख शिक्षक हैं। यह 2019-20 में शिक्षकों की संख्या की तुलना में लगभग 8800 अधिक है।

2020-21 में छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) प्राथमिक के लिए 26, उच्च प्राथमिक के लिए 19, माध्यमिक के लिए 18 और उच्च माध्यमिक के लिए 26 था। इसमें 2018-19 से सुधार दिख रहा है। 2018-19 के दौरान प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए पीटीआर क्रमशः 28, 20, 21 और 30 था।

2020-21 में 12.2 करोड़ से अधिक लड़कियों ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक में नामांकन कराया है। इससे 2019-20 में लड़कियों के नामांकन की तुलना में 2020-21 में लड़कियों की संख्या में 11.8 लाख की बढ़ोतरी हुई है।

 

गैर-शिक्षण कर्मचारी

पिछले कुछ वर्षों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या में भी सुधार हुआ है। 2018-19 में 12.37 लाख की तुलना में 2020-21 के दौरान कुल गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या 15.8 लाख थी। 2018-19 से 2020-21 के दौरान गैर-शिक्षण कर्मचारियों में लेखाकारों, पुस्तकालय सहायकों, प्रयोगशाला सहायकों, प्रधान लिपिकों, एलडीसी/यूडीसी कर्मचारियों की संख्या में 2.05 लाख की बढ़ोतरी हुई। इससे इनकी कुल संख्या 5.79 लाख से बढ़कर 7.8 लाख हो गई है।

 

विद्यालय की अवसंरचना

2020-21 के दौरान चालू बिजली की सुविधा से युक्त विद्यालयों की संख्या में प्रभावशाली बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष 57,799 विद्यालयों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किया गया है। 2018-19 में 73.85 फीसदी की तुलना में अब कुल विद्यालयों में से 84 फीसदी में बिजली की सुविधा उपलब्ध है। यह इस अवधि के दौरान 10.15 फीसदी के उल्लेखनीय सुधार को दिखाता है।

चालू पेयजल की सुविधा वाले विद्यालयों की हिस्सेदारी 2019-20 में 93.7 फीसदी से 2020-21 में बढ़कर 95.2 फीसदी हो गया है।

2020-21 के दौरान 11,933 विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालय का निर्माण किया गया है। इससे बालिका शौचालयों की सुविधा वाले विद्यालयों की संख्या 2019-20 में 93.2 फीसदी की तुलना में 2020-21 में बढ़कर 93.91 फीसदी हो गई है।

2020-21 के दौरान हाथ धोने की सुविधा वाले विद्यालयों की हिस्सेदारी में भी सुधार हुआ है और अब यह 2019-20 में 90.2 फीसदी की तुलना में 91.9 फीसदी है।

चालू यानी कार्यात्मक स्थिति में कंप्यूटर की सुविधा वाले विद्यालयों की संख्या 2019-20 में 5.5 लाख से बढ़कर 2020-21 में 6 लाख हो गई। यानी इसमें 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब 40 फीसदी विद्यालयों में कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध हैं।

इंटरनेट सुविधा वाले विद्यालयों की संख्या 2.6 फीसदी बढ़कर 2020-21 में 3.7 लाख हो गई है। यह संख्या 2019-20 में 3.36 लाख थी।

 

कोविड- 19 महामारी का नामांकन पर प्रभाव

2020-21 के दौरान सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूल के 39.7 लाख छात्रों को सरकारी विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया।

 

विवरण के लिए नीचे दिए गए लिंक को देखें

http://www.education.gov.in/hi/statistics-new?shs term node tid depth =394&Apply=Apply

 

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