मंत्री ने दिया ब्याज राशि माफ करने का प्रस्ताव, सीएम बनाएंगे कमेटी

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले भाजपा सरकार दादूपुर नलवी नहर की अधिगृहीत जमीनें वापस करने पर वसूल किए जाने वाले ब्याज की राशि माफ करने का फैसला ले सकती है। राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने मुख्यमंत्री के समक्ष ब्याज की राशि माफ करने का प्रस्ताव दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ब्याज माफी की संभावना तलाशने के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी के गठन का संकेत दिया है।

यमुनानगर से कुरुक्षेत्र के बीच की दादूपुर नलवी नहर परियोजना को बंद करने का मुद्दा विधानसभा में पूरे जोरशोर के साथ उठने वाला है। कांग्रेस और इनेलो ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। जाहिर है कि विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के दौरान पूरे समय इसी मुद्दे पर टकराव होगा।

दरअसल, भाजपा सरकार को लगता है कि दादूपुर नलवी नहर परियोजना पर लागत से पांच गुणा खर्च आ रहा है। इसलिए यह परियोजना किसी काम की नहीं है। दादूपुर नलवी कैनाल परियोजना में कोर्ट ने 167 एकड़ भूमि पर 550 करोड़ रुपये का एन्हांसमेंट दिया है जबकि अगर इस योजना में कुल भूमि का एन्हांसमेंट देखी जाए तो 2500 करोड़ रुपये बैठता है। इसके बावजूद पिछले चार साल में इस नहर से सिर्फ 250 एकड़ भूमि की सिंचाई ही हो पाई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की यही दलील है कि बेवजह प्रदेश की जनता के 3000 करोड़ रुपये कुछ लोगों के लिए क्यों खर्च किए जाएं।

प्रदेश सरकार यदि एन्हांसमेंट देती भी है तो इसका लाभ सिर्फ साढ़े चार सौ किसानों को मिलेगा। शाहबाद के पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी ने तो हर रोज 11 किसानों का अनशन भी इस नहर को बंद कराने के खिलाफ आरंभ करा रखा है, जबकि इसी हलके का प्रतिनिधित्व करने वाले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि पिछली हुड्डा सरकार ने अपने लोगों के लाभ के लिए इस बिना पानी की नहर को खुदवाया। कहीं नहर टेढ़ी है तो कहीं सीधी, जिसका लाभ लोगों को मिल ही नहीं सकता।

राज्य मंत्री के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रस्ताव दिया है कि जो किसान अपनी जमीन वापस लेना चाहे, उससे मूल राशि लौटाने के साथ ब्याज न वसूल किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस मामले के समाधान के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी बना सकते हैं। इस कमेटी के समक्ष पूरे मुद्दे रखे जाएंगे। संभव है कि सरकार किसानों को पहले से अधिक राहत प्रदान करे।

News Source: jagran.com

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