जानिये, वाहन कबाड़ नीति का सबकुछ, क्या-क्या होगा फ़ायदा

न्यूज़ डेस्क : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में आनेवाली नई वाहन कबाड़ नीति (व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी) के बारे में और अधिक जानकारी का खुलासा किया है। इस नीति के लागू होने के बाद सड़क पर प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटा दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश हुए आम बजट के दौरान जो नीति प्रस्तावित की थी, वह दरअसल कार निर्माताओं की लंबे समय से चली आ रही मांग है। नई वाहन कबाड़ नीति से नई कारों की बिक्री को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस नीति की सभी डिटेल्स अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। उससे पहले, यहां जानें उन पांच चीजों के बारे में जो एक वाहन मालिक को पता होनी चाहिए और कैसे यह नीति आपको प्रभावित कर सकती है।

 

 

5 फीसदी की मिलेगी छूट

जो वाहन मालिक अपने पुराने वाहनों को नई वाहन कबाड़ नीति के तहत देने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें नई नीति के तहत नया वाहन खरीदने पर लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि जो उपभोक्ता अपने पुराने वाहन को स्क्रैप करते हैं और वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत नया वाहन खरीदते हैं, उन्हें ऑटो कंपनियों से करीब 5 फीसदी की छूट मिलेगी।

 

 

कैसे मिलेगी छूट

हालांकि मंत्री ने पुराने वाहनों पर 5 फीसदी छूट की घोषणा की, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पुराने वाहनों के लिए कौन से कारक छूट की दर निर्धारित करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि छूट की दर को निर्धारित करने के लिए बिक्री के लिए जाने वाले पुराने वाहनों की उम्र और उसकी कंडीशन अहम हो सकता है। हालांकि सरकार एक निश्चित उम्र के बाद सड़क पर वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं देगी। जिसके बाद उन्हें फिटनेस सेंटर में जांच के लिए जाना होगा। इस नीति की बारीकियां के आने वाले दिनों में साफ होने की उम्मीद है।

 

 

वाहन कबाड़ नीति

वाहन कबाड़ नीति के मुताबिक, 20 वर्ष से ज्यादा पुरानी पैसेंजर कारों के मालिकों को अपने कार का अनिवार्य फिटनेस टेस्ट कराना होगा। इस टेस्ट की सुविधा, जिसे पीपीपी आधार पर तैयार किया जाएगा, ऑटोमैटिक टेस्क करेगी और यह प्रमाणित करेगी कि कोई वाहन सड़क पर चलने के लिए फिट है या नहीं। 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी ऐसे ही फिटनेस टेस्ट किए जाएंगे।

 

 

 

देना होगा जुर्माना

यदि कोई भी वाहन इस ऑटोमैटिक टेस्ट को पास करने में नाकाम रहता है, तो उसे सड़कों से हटाना पड़ेगा या भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। इसलिए, यदि आपका वाहन नई नीति में बताई गई उम्र को पार गया है और ऑटोमैटिक टेस्ट में भी फेल हो गया है, तो इसकी संभावना है कि यदि ऐसे वाहन सड़क पर दिखाई देते हैं, तो उन्हें सीज किया जाएगा। अभी इसका आधिकारिक तौर पर एलान नहीं हुआ है कि ऐसी कार को सड़क पर चलाने के लिए कितना जुर्माना देना पड़ सकता है।

 

 

भरना पड़ेगा ग्रीन टैक्स

यदि आपका निजी वाहन 8 साल से ज्यादा पुराना है, लेकिन वह ऑटोमैटिक टेस्ट में पास हो गया है, तो इस नीति के लागू होने के बाद इसे भी ग्रीन टैक्स देना होगा। यह ग्रीन टैक्स रोड टैक्स की राशि का 10 से 25 फीसदी रहने की संभावना है। जब आप वाहन के फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिए जाएंगे, तो यह टैक्स अतिरिक्त रूप से वसूला जाएगा।

 

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