जापान ने भूकंप के दौरान भी नहीं रुकने वाली बुलेट ट्रेन N700S पेश की , रफ़्तार होगी 360 किमी प्रतिघंटे

2019 में ट्रायल रन के दौरान बनाया था 360 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने का रिकॉर्ड

पहले की तुलना में तेज होने के साथ भूकंप के दौरान भी सुरक्षित सफर कराने में है सक्षम

आपात स्थिति के लिए लगी हैं लिथियम ऑयन बैटरी, पावर फेल हुई तो भी चल सकेगी ट्रेन

 

 

न्यूज़ डेस्क : जापान की अत्याधुनिक बुलेट ट्रेन न केवल पहले की तुलना में तेज है बल्कि यह भूकंप के दौरान भी सुरक्षित सफर कराने में सक्षम है। यह नई बुलेट ट्रेन एन700एस ( N700S) एक जुलाई से सेवा में शामिल कर ली गई है। इसका तोकाइडो रेलवे लाइन पर संचालन हो रहा है, जो टोक्यो स्टेशन और ओसाका में स्थित शिन-ओसाका स्टेशन को जोड़ती है। 

 

N700S में एस (S) का मतलब सुप्रीम है। जानकारी के अनुसार यह बुलेट ट्रेन 360 किलोमीटर प्रतिघंटो की रफ्तार से दौड़ सकती है। दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेनों में शामिल इस ट्रेन ने यह रिकॉर्ड 2019 में ट्रायल रन के दौरान बनाया था। हालांकि, यात्री सेवाओं में इसकी गति 285 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित की गई है। 

 

 

ओलंपिक के दौरान होना था उद्धाटन

केंद्रीय जापान रेलवे ने 13 साल में पहली नई बुलेट ट्रेन तोकाइडो रेलवे लाइन पर सम्मिलित की है। पहले इस ट्रेन का उद्घाटन इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में किया जाना था। लेकिन, कोरोना वायरस महामारी के चलते ओलंपिक अगले साल के लिए स्थगित कर दिए गए। ऐसे में ट्रेन का उद्घाटन भी पहले कर दिया गया। 

 

यहां एक संयोग यह भी है कि जापान ने टोक्यो और ओसाका को जोड़ने वाली तोकाइडो शिनकानसेन लाइन का उद्घाटन साल 1964 में किया था। इसी साल टोक्यो में समर ओलंपिक (ग्रीष्मकालीन ओलंपिक) का आयोजन हुआ था। बता दें कि तोकाइडो शिनकानसेन दुनिया की पहली हाईस्पीड रेलवे लाइन थी। 

 

 

आराम के मामले में कोई जवाब नहीं

देखने की बात करें तो सुनहरे लोगो के अलावा N700S पुरानी N700 या N700A बुलेट ट्रेन से ज्यादा अलग नहीं है। लेकिन सामने से इसे ज्यादा एंगल  दिया गया है और हेडलाइट के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है। इंटीरियर की बात करें तो आराम के मामले में इस ट्रेन का कोई जवाब नहीं है। खासकर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को यह ट्रेन ज्यादा सुविधाजनक लगेगी। 

 

ट्रेन को बनाने में केवल स्पीड और सुरक्षा पर ही ध्यान नहीं दिया गया है बल्कि ट्रेन के अंदर सीट, आराम और रोशनी पर भी काम किया गया है। अंदर रोशनी की व्यवस्था इस तरह की गई है कि लाइट आंखों में चुभे नहीं और आराम पहुंचाए। यात्री अपना सामान न भूलें इसके लिए सिर के ऊपर बनाए गए सामान रखने के रैक में हर स्टेशन पर रोशनी जलने की व्यवस्था की गई है। 

 

एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम से झटकों को अलविदा

सफर को और आरामदायक बनाने के लिए यानी झटकों की समस्या खत्म करने के लिए नए एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। ट्रेन में ऑटोमैटिक कंट्रोल और ब्रेक सिस्टम भी है जो किसी भी आपात स्थिति में ट्रेन को तेजी से रोक सकता है। इसके अलावा ट्रेन के कोच के अंदर कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है। ट्रेन के हर कोच में दो से छह कैमरे लगाए गए हैं। 

 

इस बुलेट ट्रेन की एक और खासियत यह है कि इसमें लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। इस सिस्टम के सहारे किसी प्राकृतिक आपदा या आपात स्थित में ट्रेन के पावर सिस्टम में समस्या आती है तो ट्रेन इस बैटरी से चल सकेगी। यह अपनी तरह की पहली टेक्नोलॉजी है। इससे ट्रेन अपेक्षाकृत कम गति से यात्रियों को सुरक्षित स्थान तक ले जा सकेगी। 

 

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