ए आर रहमान का इन्टरव्यू ,होंगे, ‘द वॉयस’ में सुपर गुरु,

‘द वॉयस’ शो के बारे में कुछ बतायें?

चार बार एमी अवॉर्ड जीतने वाला शो ‘द वॉयस’ अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर समीकक्षों द्वारा माना हुआ और पूरी दुनिया के 180 देशों का ब्‍लॉकबस्‍टर शो अब भारत आ रहा है। यह शो बेहतरीन आवाज की तलाश में पहुंच रहा है केवल स्‍टारप्‍लस पर। यह शो रूप-रंग, पारिवारिक पृष्‍ठभूमि, धर्म, लिंग की सारी सीमाओं को तोड़ते हुए भारत के उभरते सिंगिंग टैलेंट को एक प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध करा रहे हैं, जोकि पूरी तरह से उनकी आवाज पर आधारित है। यह शो अनगढ़ प्रतिभाओं को ढूंढने, उन्‍हें निखाने और कोचेस के मेंटरशिप के माध्‍यम से उन्‍हें बेहतर बनाने का सफर है। साथ ही उन्‍हें इस योग्‍य बनाना है कि वह बेहतरीन ‘आवाज’ बनने के शिखर पर जितना संभव हो उन्‍हें पहुंचने में सफल बनाने का सफर है। यह प्‍लेटफॉर्म उन्‍हें उन कोचेस के साथ काम करने का मौका देता है जिनका उन्‍होंने ख्‍वाब देखा है और किसी भी उभरते हुए सिंगर के लिये यह बहुत ही बड़ा मौका है। किसी भी शो के इतिहास में पहली बार सुपर गुरु को लाने के लिये उसके कॉन्‍सेप्‍ट में बदलाव किया गया है और यह शो ऐसा करता हुआ नज़र आयेगा।

 

 

‘द वॉयस’ में सुपर गुरु बनने की क्‍या वजह रही?

इस शो में सुपर गुरु के रूप में मेरी बेहद ही खास भूमिका है, जिसे ना नहीं कहा जा सकता था। अपने बर्थडे पर मैंने बदले में कुछ देने की इच्‍छा जाहिर की थी और ‘द वॉयस’ शो मेरे लिये एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है कि मैं नयी प्रतिभाओं को सही मौका पाने में मदद करके ऐसा कर सकता हूं। मैंने इस शो के अंतरराष्‍ट्रीय समकक्षों को देखा है और इसे काफी अच्‍छी तरह बनाया गया है और यह जबर्दस्‍त है। इस शो में जिस बात ने मेरा ध्‍यान खींचा, वह था संगीत का अगला बेहतरीन सितारा ढूंढने का दिलचस्‍प कॉन्‍सेप्‍ट, जोकि पूरी तरह से आवाज पर निर्भर करता है और बाकी सारी बाधाओं को पीछे छोड़ता है। इस शो का पहला चरण ‘ब्‍लाइंड ऑडिशन है’ जो वाकई काफी अनूठी और दिलचस्‍प शुरुआत है। इसमें कोचेस के निर्णय पूरी तरह से आवाज पर निर्भर करेंगे, क्‍योंकि वह प्रतियोगी को देख नहीं पायेंगे या उनकी जिंदगी के बारे में उन्‍हें कुछ भी पता नहीं होगा। इसके अलावा, इस शो के कोचेस मेरे साथ मिलकर नये टैलेंट को बेहतर से बेहतर सिंगर बनने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इस शो के साथ मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि यह शो ना केवल उभरते हुए टैलेंट को अपनी आवाज सुनाने का माध्‍यम दे रहा है, बल्कि ऊंचाइयों को छूने का भी मौका दे रहा है और ऐसा होते हुए देखने से ज्‍यादा संतोषजनक कुछ और नहीं हो सकता। साथ ही, वह कहां से आये हैं, या वे कौन हैं, जैसी रुकवाटों से अलग सही आवाज की तलाश करने पर मैं भी विश्‍वास करता हूं, इसलिये इस शो की फिलॉसफी से मैं खुद को जोड़ पाया और इस शो को करने की वजह बना।

 

 

सुपर गुरु के बारे में आप भूमिका के बारे में कुछ बताना चाहेंगे और आप इस शो पर क्‍या लेकर आ रहे हैं?

यह पूरी से नयी भूमिका है, जहां संगीत पर मैं अपनी सममझ से प्रतियोगियों को बेहतर बनाने और उन्‍हें प्रेरित करने का काम कर रहा हूं, साथ ही मैं उनसे भी प्रेरणा लूंगा। इस प्‍लेटफॉर्म पर मैं  प्रतियोगियों को संगीत के बारे में अपनी समझ और सोच को साझा करूंगा। प्रतियोगियों की परफॉर्मेंस के बाद मैं कोचेस के साथ प्रतियोगियों की कमियों और उनके बेहतर भविष्‍य के बारे में चर्चा करूंगा। प्रतियोगियों की परफॉर्मेंस के बाद मैं उस गाने से जुड़ी बातों के बारे में भी बताऊंगा और साथ ही संगीत तैयार करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दूंगा। इसके अलावा सेट पर कोचेस के साथ अब तक मेरे सफर के दौरान जीवन को बदल देने वाली कौन-सी बातें रही हैं, मेरे संघर्ष की और व्‍यक्तिगत बातें साझा करूंगा।

 

अब आपने टेलीविजन पर आने का फैसला क्‍यों किया?

म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री में यह एक बेहतरीन समय है और एक सुपर गुरु की भूमिका काफी अच्‍छी है और मेरी दिलचस्‍पी उसमें जगी। भारत में टैलेंट की भरमार है और माध्‍यम की बजाय इस समय की जरूरत है कि सही दिशा में उनका मार्गदर्शन किया जायेग। ‘द वॉयस’ ने उन्‍हें अपना नाम कमाने का प्‍लेटफॉर्म दिया है जोकि पूरी तरह से उनकी आवाज और प्रतिभा पर निर्भर करता है।

 

कौन-सी चीजें ‘द वॉयस’ को अन्‍य रियलिटी शोज़ से अलग करती हैं?

उस व्‍यक्ति को देखना नहीं और केवल उसकी आवाज को सुनने का पूरा विचार ही मुझे बेहद आकर्षक लगा, क्‍योंकि मैं खुद भी आवाज को चुनने में इस बात को मानता हूं। मैंने इस शो के कॉन्‍सेप्‍ट और सिंगिंग सेंसेशन को सिर्फ उनकी आवाज के आधार पर चुनने के विचार से मुझे जुड़ाव महसूस हुआ। किस तरह से यह सुनाई पड़ता है और आप पर उसका कैसा प्रभाव पड़ता है। यह बात इसे बेहद रोमांच बनाती है और मुझे वाकई प्रतियोगियों को सुनने का इंतजार है।

 

एक रियलिटी शो को जज करना कितना चुनौतीपूर्ण होता है? क्‍या आप उत्‍सुक हैं/नर्वस हैं?

‘द वॉयस’ में सुपर गुरु होने के कारण मैं बेहद उत्‍सुक हूं। बाकी अन्‍य रियलिटी शोज़ की तुलना में इस शो में कोई जज नहीं है, बल्कि कोचेस हैं जोकि प्रतियोगियों को ट्रेनिंग देंगे और उन्‍हें निखारेंगे। यह शो उभरते हुए गायकों को खुद को अभिव्‍यक्‍त करने और चुनौती देने के लिये प्रेरित करेगा और साथ ही साथ व्‍यक्तिगत रूप से बेहतर होने के लिये भी। सुपर गुरु के रूप में मैं इस शो में मार्गदर्शक हूं, जोकि प्रतियोगियों को फीडबैक और एक नजरिया प्रदान कर रहा है। जोकि मेरे अपने अनुभवों पर आधारित होगा, जिससे उन्‍हें अपने संगीत की क्षमता को आगे ले जाने में मदद मिलेगी।

 

इस शो में किस तरह की आवाजें टिकेंगी और कौन-सी आवाजें आपका ध्‍यान खींचने वाली हैं?

मेरे पास ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं है। कई बार कोई इस तरह से अभिव्‍यक्‍त करता है कि मेरा ध्‍यान उनकी तरफ खींचा चला जाता है। या कुछ लोग जिस तरह से शब्‍दों का उच्‍चारण करते हैं वह मुझे प्रभावित कर जाता है। हर किसी का अपना व्‍यक्तित्‍व और पहचान होती है, जोकि गाने के दौरान सामने आ जाता है और अपनी छाप छोड़ जाता है।

 

कौन-सी बातें आपको आगे बढ़ाती रहती हैं?

मैं केवल इतना जानता हूं कि किस तरह संगीत बनाना है और यह चीज मुझे प्रेरित करती रहती है। मेरे लिये संगीत केवल एक प्रोफेशन नहीं है, जब चीजें बेहतर काम करती हैं और लोगों को एक गाना पसंद आता है तो म्‍यूजिशियन की जिंदगी बदल जाती है। किसी भी अन्‍य प्रोफेशन की तुलना में लोगों को इस प्रोफेशन में ज्‍यादा संतुष्टि मिलती है। जब लोगों को कोई गाना पसंद आता है और वह जिस तरह प्‍यार बरसाते हैं और अपनी दरियादिली दिखाते हैं वह बेहद संतोषजनक होता है। इससे मुझे ऐसा महसूस होता है कि मैं जो कुछ कर रहा हूं वह सफल है।

 

 

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