भारत को अनिवार्य रूप से बाजरा की वैश्विक राजधानी बनने का प्रयास करना चाहिए : श्री पीयूष गोयल

श्री गोयल ने कुपोषण और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बाजरा को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयत्नों की सराहना की

श्री पीयूष गोयल ने बाजरा के लिए नए अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू बाजारों की खोज करने की अपील की

श्री गोयल ने बाजरा पर अनुसंधान एवं विकास कार्यकलापों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को अनिवार्य रूप से बाजरा की वैश्विक राजधानी बनने का प्रयास करना चाहिए। वह आज नई दिल्ली में ‘ मिलेट्स-स्मार्ट नूट्रिटिव फूड ‘ कान्क्लेव में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

श्री गोयल ने कहा कि मिलेट्स-स्मार्ट नूट्रिटिव फूड कान्क्लेव और कान्क्लेव के दौरान आयोजित किए जा रहे बाजरा पर पहले अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक से देश को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष – 2023 ( आईवाईओएमम – 2023 ) के लिए तैयारी  करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यूएन ने भारत के आग्रह पर 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में स्वीकार किया है जिसे 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

श्री गोयल ने जी20 के तथा शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) की भारत की प्रेसीडेंसी को संदर्भित किया और कहा कि नेतृत्व का यह दायित्व निश्चित रूप से वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद को परिलक्षित करता है।

श्री गोयल ने उल्लेख किया कि भारत ने 2018 में अपना बाजरा वर्ष मनाया था और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने निरंतर बाजरा को एक ऐसे भोजन के रूप में बढ़ावा दिया है जो पोषण को भारत तथा विश्व के सुदूरतम हिस्सों तक ले जाने में मदद करेगा। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि विश्व ने भारत द्वारा योग से लेकर बाजरा तक की गई कई पहलों को स्वीकार किया है जो प्रधानमंत्री के वैश्विक नेतृत्व तथा दुनिया भर में भारत गाथा को बढ़ावा देने की उनकी कोशिशों की सफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

वणिज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘ लाइफ – पर्यावरण के लिए जीवन शैली ‘ के लिए दिए गए आह्वान को भी पूरे विश्व में प्रतिध्वनित किया गया जिससे इसका अहसास हुआ कि और अधिक टिकाऊ जीवन शैली के लिए निश्चित रूप से इसे अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि विश्व उल्लेखनीय वैश्विक समस्याओं, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष हो, के समाधान के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व से अपेक्षा कर रहा है। श्री गोयल ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री श्री मोदी सामूहिक वैश्विक खाद्य की दिशा में काम कर रहे हैं तथा वैश्विक समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और बाजरा भी एक ऐसी ही पहल है जो कुपोषण की वैश्विक समस्या को हल करेगी और इस किफायती खाद्य को दुनिया के दूसरे हिस्सों में ले जाएगी जहां हम कुपोषण या खाद्य सुरक्षा की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

श्री गोयल ने एपीडा द्वारा अब तक किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए उसकी सराहना की और विश्वास जताया कि उसके प्रयासों से भारतीय बाजरा को पूरी दुनिया में बढ़ावा देने और भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने में मदद मिलेगी।

श्री गोयल ने बाजरा को उसके जबरदस्त पोषक गुणों के कारण ‘ मानवता को प्रकृति का उपहार ‘ बताया। प्रधानमंत्री श्री मोदी को उद्धृत करते हुए श्री गोयल ने कहा, ‘‘ बाजरा या मोटे अनाज प्राचीन काल से ही भारत के कृषि, संस्कृति और सभ्यता के हिस्से रहे हैं ।‘‘ उन्होंने यह भी कहा कि बाजरा जलवायु के अनुकूल भी हैं और जीवन शैली रोगों से लड़ने में सक्षम भी हैं। उन्होंने एक चारा के रूप में बाजरा के गुणों की चर्चा की और कहा कि बाजरा के वास्तव में बहुआयामी लाभ हैं।

श्री गोयल ने इस प्रकार के कई और अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकों, फूड फेस्टिवलों , बाजरा से जुड़ी पाक कला प्रतियोगिताओं के आयोजन की अपील की और कहा कि बाजरा को मिड डे मील प्रोग्राम का भी हिस्सा बनाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा बाजरा पर काम कर रहे लगभग 250 स्टार्टअप्स की सहायता की जा रही है और यह भी कहा कि भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान बाजरा पर स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करती रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय पैकेजिंग संस्थान को बाजरा तथा बाजरा उत्पादों पर नवोन्मेषण करने और पैकेजिंग में सुधार लाने के लिए शामिल किया जा सकता है।

श्री गोयल ने कहा कि बाजरा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन के रूप में   ‘ NOURISH ’ का उपयोग किया जा सकता है।

  • ‘एन  नए बाजारों तथा गंतव्यों – के लिए
  • ‘ ओ‘ बाजरे की खेती को और अधिक मूल्यवान बनाने तथा वैश्विक रूप से स्वीकार्य बनाने ‘ जैविक पद्धतियों ‘ को बढ़ावा देने की आवश्यकता – के लिए
  • ‘ यू ‘ बाजरा की ‘ अनूठी किस्मों ‘ की सुरक्षा एवं जीआई टैगिंग – के लिए
  • ‘ आर ‘ बाजरा की तेजी से उगने वाली, अधिक स्वादिष्ट किस्मों के विकास के लिए ‘ बाजरा पर अनुसंधान ‘ एवं बाजार की क्षमता को विस्तारित करने – के लिए
  • ‘ आई ‘ उत्पाद, बाजार एवं मूल्य श्रृंखला विकास में और अधिक ‘ उद्योग भागीदारी – के लिए
  • ‘ एस ‘ उच्च गुणवत्ता बाजरा और बाजरा उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिए ‘मानकों एवं स्थिरता ‘ – के लिए
  • ‘ एच ‘ घरेलू बाजारों एवं ‘ उच्च व उत्पादकता ‘ – के लिए

श्री गोयल ने कहा कि हमें कुपोषण तथा भूखमरी, जिसका सामना अभी भी विश्व के कई हिस्सों को करना पड़ रहा है, की समस्याओं का समाधान करने के लिए बाजरा गाथा को मुख्याधारा में लाने तथा बाजरा को वैश्विक रूप से स्वीकार्य बनाने के लिए निश्चित रूप से आपस में मिल कर काम करना चाहिए।

वाणिज्य विभाग के सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के बाद कई बाजरा आधारित स्टार्टअप्स इस व्यवसाय में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बाजरा तथा बाजरा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आगे आने वाले समय में कई और क्रेता-विक्रेता बैठकों का भारत एवं विदेशों में आयोजन किया जाएगा। यह बताते हुए कि यह एक नई शुरुआत थी जहां प्रोसेसर किसानों से सीधी खरीद कर रहे थे, श्री बर्थवाल ने कहा कि इससे किसान तथा स्टार्टअप्स दोनों ही लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि बाजरा उगाने तथा उपभोग करने की संस्कृति में आगे आने वाले समय में और वृद्धि होगी।

इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव श्री मनोज आहुजा, वाणिज्य विभाग के अपर सचिव श्री श्रीनिवास, एपीडा के अध्यक्ष श्री एम अंगमुथु, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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