आईटीयू के प्रशासन और प्रबंधन पर परिषद की स्थायी समिति में भारत ने नेतृत्व की स्थिति हासिल की

भारतीय अधिकारी सुश्री अपराजिता शर्मा को अंतर्राष्ट्रीय निकाय की उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया
एक भारतीय अधिकारी को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के प्रशासन और प्रबंधन पर परिषद की स्थायी समिति में उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के साथ ही भारत ने इस अंतर्राष्ट्रीय निकाय में एक नेतृत्व की स्थिति हासिल कर ली है।

21 मार्च से 31 मार्च, 2022 तक जिनेवा में आयोजित परिषद की बैठकों में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने 1995 बैच की एक आईपी एवं टीएएफ सेवा अधिकारी सुश्री अपराजिता शर्मा को प्रशासन और प्रबंधन पर स्थायी समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। सुश्री अपराजिता शर्मा वर्ष 2023 और 2024 के लिए परिषद की स्थायी समिति की उपाध्यक्ष और वर्ष 2025 और 2026 के लिए इसकी अध्यक्ष बनी रहेंगी।

सुश्री शर्मा वर्तमान में भारत सरकार में संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग में उप महानिदेशक (डीडीजी), बजट और सार्वजनिक उद्यम वित्त के रूप में तैनात हैं। वह आईटीयू गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं, वह आईटीयू विकास क्षेत्र में अध्ययन समूह 2 के लिए प्रतिवेदक भी हैं। वह आईसीटी एवं पर्यावरण पर 2018/2021 की अवधि के लिए आईटीयू और सदस्य देशों के साथ अंतिम रिपोर्ट लिखने में सहायक हैं, जो ई-कचरा प्रबंधन और एआई, बिग डेटा और पृथ्वी अवलोकन जैसे जलवायु परिवर्तन शमन में फ्रंटियर प्रौद्योगिकियों की भूमिका से संबंधित है।

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) सूचना और संचार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है।

आईटीयू पूर्णाधिकारी सम्मेलन और प्रशासनिक परिषद द्वारा चलाया जाता है। पूर्णाधिकार सम्मेलन संघ का सर्वोच्च अंग है। यह निर्णय लेने वाला निकाय है जो संघ की दिशा और उसकी गतिविधियों को निर्धारित करता है।

दूसरी ओर, परिषद पूर्ण सम्मेलनों के बीच के अंतराल में संघ के शासी निकाय के रूप में कार्य करती है। इसकी भूमिका व्यापक दूरसंचार नीति के मुद्दों पर विचार करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संघ की गतिविधियां, नीतियां और रणनीतियां आज के गतिशील और बड़ी तेजी से बदलते दूरसंचार वातावरण का पूरी तरह से जवाब दें।

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