डिजिटल सरकार के प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाएगी ‘‘डिजिटल संसद’’: डिजिटल नागरिक

डिजिटल इंडिया हमारी नई संसद को डिजिटल संसद के साथ सशक्त बनाएगा, डिजिटल संसद एक हाई-टेक प्लेटफॉर्म है जो सांसदों, संसद, नागरिकों और सरकार को सशक्त और कनेक्ट करेगाः राजीव चंद्रशेखर

डिजिटल लोकतंत्र का चमकता उदाहरण बनेगा भारत: राजीव चंद्रशेखर

भारत की संसद के लिए नई सुविधाओं से लैस भवन और भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के कामकाज के लिए एक कुशल और टिकाऊ केंद्रीय सचिवालय का निर्माण करके शासन प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। नया संसद भवन अपने सभी सदस्यों और हितधारकों को बिल्कुल नया अनुभव प्रदान करने के लिए स्वाभाविक रूप से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधानों से लैस होना चाहिए।

भारत के प्रधानमंत्री नई संसद को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के साक्षी के रूप में देखते हैं जहां 21वीं सदी के भारत की महत्वाकांक्षाओं को साकार किया जाएगा। यह कल्पना की गई है कि नई संसद 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ में ‘‘नए भारत’’ की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप होगी।

अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ नए बुनियादी ढांचे का मिलान करने और सांसदों तथा हितधारकों को अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने में सक्षम बनाने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय डिजिटल संसद विकसित कर रहा है। यह एक ऐसा मंच है जो नागरिकों, सांसदों और अन्य सभी हितधारकों को एक साथ लाता है।

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डिजिटल संसद के व्यापक ढांचे पर चर्चा और परामर्श के लिए संसद के दोनों सदनों के सांसदों के एक समूह के लिए आज एक प्रस्तुति का आयोजन किया गया।

सांसदों के लिए डिजिटल संसद की अवधारणा, प्रमुख विशेषताओं और गुणों के बारे में बताते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मंच को दूरदर्शी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरकार के डिजिटलीकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप और नागरिकों के साथ संपर्क को बढ़ाने के लिए डिजिटल नागरिक को बढ़ावा देने वाला बताया। यह एक वन स्टॉप, निर्बाध, कागज रहित और एक परिष्कृत मंच है जो समय के साथ विकसित, आधुनिकीकरण और नवाचार करना जारी रखेगा।

पहले संस्करण को 140 दिनों में और उसके बाद संस्करण 2 को 12 महीनों में और उसके बाद संस्करण 3 को जारी किया जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) भारतीय संसद के कामकाज के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए 3 साल के भीतर ऐप के 3 संस्करण विकसित करेगा।

भारत नागरिकों के जीवन को बदलने और शासन में दक्षता लाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रमुख राष्ट्र बन गया है। भारत डिजिटल भुगतान, डिजिटल पहचान, प्रौद्योगिकी संचालित कोविड टीकाकरण अभियान चलाने, वित्त प्रौद्योगिकी अपनाने और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करने में दुनिया में अग्रणी है। भारत पहले से ही अपनी मजबूत लोकतांत्रिक साख और सुपरिभाषित संसदीय प्रक्रियाओं और प्रणालियों के लिए जाना जाता है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘जल्द ही भारत अपने डिजिटल लोकतंत्र के लिए जाना जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में एआई, एनालिटिक्स, ब्लॉक चेन आदि जैसे उभरते उपकरणों के अत्यधिक उपयोग के साथ प्रौद्योगिकी हमारे लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण सुधार करेगी।

श्री शशि थरूर, श्री जयंत सिन्हा, श्री विनय सहस्रबुद्धे, श्री अमर पटनायक, श्री बिनॉय विश्वम, सुश्री प्रियंका चतुर्वेदी, सुश्री वंदना चव्हाण ने आज प्रस्तुति कार्यक्रम में भाग लिया।

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