हाल के हफ्तों में भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में कोविड-19 मामलों में थोड़ी वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि यह सुनकर चिंता होना स्वाभाविक है, विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। आइए जानते हैं कि मामले क्यों बढ़ रहे हैं और यह लहर पहले जितनी गंभीर क्यों नहीं है।
मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
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नए वेरिएंट का उभरना
कोविड वायरस लगातार बदलता रहता है। हाल ही में KP.2 और JN.1 जैसे वेरिएंट सामने आए हैं जो अधिक तेजी से फैलते हैं, लेकिन इनसे गंभीर बीमारी का खतरा फिलहाल कम है। -
प्राकृतिक और टीका-जनित प्रतिरक्षा में गिरावट
संक्रमण या वैक्सीन से मिली सुरक्षा समय के साथ कम होती जाती है। कई लोगों ने काफी समय से बूस्टर डोज़ नहीं ली है, जिससे हल्के संक्रमण दोबारा हो सकते हैं। -
टेस्टिंग और निगरानी में बढ़ोतरी
हवाई अड्डों, अस्पतालों और नियमित जांच के दौरान अधिक टेस्टिंग की वजह से हल्के या बिना लक्षण वाले मामलों का पता चल रहा है। -
मौसमी बदलाव और व्यवहार में ढील
ठंड या बारिश के मौसम में लोग घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं, जिससे संक्रमण फैल सकता है। साथ ही मास्क और सावधानी बरतने की आदतें भी कम हो गई हैं।
चिंता की ज़रूरत क्यों नहीं है?
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अस्पताल में भर्ती और मृत्यु दर कम
नए मामलों में अधिकतर लोगों को हल्के लक्षण हैं। अस्पताल में भर्ती और मौतों की संख्या पहले की लहरों की तुलना में काफी कम है। -
हाइब्रिड इम्यूनिटी का असर
टीकाकरण और पहले संक्रमण की वजह से लोगों में अच्छी प्रतिरक्षा है, जिससे संक्रमण का असर कम होता है। -
बेहतर इलाज उपलब्ध
अब कोविड के लिए प्रभावी दवाएं और इलाज की विधियां उपलब्ध हैं। जल्दी पहचान और इलाज से गंभीर मामलों से बचा जा सकता है। -
स्वास्थ्य प्रणाली तैयार
अब अस्पतालों और डॉक्टरों को कोविड से निपटने का पर्याप्त अनुभव और संसाधन मिल चुके हैं।
आपको क्या करना चाहिए?
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सही जानकारी रखें – विश्वसनीय स्रोतों से अपडेट लेते रहें।
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साफ-सफाई का ध्यान रखें – हाथ धोना और बीमार होने पर घर में रहना ज़रूरी है।
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उच्च जोखिम वाले स्थानों पर मास्क पहनें – खासकर बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए।
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बूस्टर डोज़ लगवाएं – यदि आप पात्र हैं, तो बूस्टर डोज़ ज़रूर लें।
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