सीसीटीवी मुद्दे पर टकराव के मूड में आम आदमी पार्टी सरकार, राजनिवास ने भी कसी कमर

नई दिल्ली । दिल्ली की 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना को लेकर राजनीति चरम पर पहुंच गई है।  आम आदमी पार्टी सरकार टकराव के मूड में है। सरकार के मंत्री और विधायक जहां सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से उपराज्यपाल कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे, वहीं इसके विरोध में विपक्ष भी प्रदर्शन कर सकता है। इस मुद्दे पर रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल पर फिर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महिला सुरक्षा के लिए आरडब्ल्यूए अपने पैसे से खरीदकर सीसीटीवी कैमरे लगवाने पर मजबूर हो रही हैं। मगर आरडब्ल्यूए अपने पैसे से कितने कैमरे लगवा पाएंगी। जब लोगों की चुनी हुई दिल्ली सरकार सीसीटीवी लगवाने जा रही है तो एलजी साहब उसे क्यों रोक रहे हैं। सरकारें होती किसलिए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आरडब्ल्यूए के कहने पर ही दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए काम कर रही है। यदि इन कैमरों को जल्द लगवा दिया जाता है तो सुरक्षा के लिहाज से ठोस कदम उठा सकेंगे।

वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सीसीटीवी कैमरे के मुद्दे पर राजनिवास दबाव में नहीं आएगा। सरकार को इस बाबत मंजूरी देना तो दूर, सड़क पर मार्च करने वाले विधायकों को उपराज्यपाल निवास में प्रवेश तक नहीं मिलेगा। दिल्ली पुलिस को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक मोहल्ला क्लीनिक के मुद्दे पर बीते वर्ष आप सरकार ऐसा ही ड्रामा कर चुकी है। केजरीवाल सरकार ने सीसीटीवी कैमरे पर भी कमोबेश ऐसी ही राजनीति करने की रणनीति बनाई है, लेकिन राजनिवास इस दफा पहले से अलर्ट है।

बताया जाता है कि उपराज्यपाल बस मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों से ही मुलाकात करेंगे। इस दौरान सरकार को उनके बेतुके सवालों का जवाब भी नहीं दिया जाएगा। केवल यही जानकारी दी जाएगी कि इस मुद्दे पर कमेटी अपनी रिपोर्ट और नियम बना रही है। मामला संवेदनशील है, इसलिए जल्दबाजी नहीं की जा सकती। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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