मेडी-कैप्‍स विश्‍वविद्यालय में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग” पर कार्यशाला का आयोजन

न्यूज़ डेस्क : मेडी-कैप्‍स विश्‍वविद्यालय के कम्‍प्‍यूटर विज्ञान विभाग द्वारा विशेष रूप से बी.सी.ए. एवं बी.एस.सी.; कम्‍प्‍यूटर विज्ञान के विद्यार्थियों हेतु “पाइथन प्रोग्रामिंग की मदद से आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का मुख्‍य उद्देश्‍य इस क्षेत्र के उद्योगों की गतिविधि, कार्यशैली, वांछित कुशलता आदि की जानकारी देना था जिससे कि इस क्षेत्र के उद्योगों को प्रतिभावान विद्यार्थी मिल सके। इसका शुभारम्‍भ  विज्ञान संकाय विभाग की अधिष्‍ठाता डॉ. प्रीती जैन द्वारा मॉं सरस्‍वती को पुष्‍प अर्पित कर व दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया गया।

 

मुख्‍य वक्‍ता डॉ. मनीष जैन थे जो प्रसिद्ध कॉर्पोरेट ट्रेनर एवं तकनीकी विशेषज्ञ हैं। डॉ. जैन ने सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर उद्योग के नवीनतम क्षेत्र आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग तथा कम्‍प्‍यूटर की भाषा पाइथन के मध्‍य सम्‍बंधों की व्‍याख्‍या की।

 

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग की व्‍याख्‍या करते हुए उन्‍होंने बताया कि दुनिया को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस नामक तकनीक के बारे में 1956 में डार्टमाउथ कांफ्रेंस में शामिल अमेरिकन कम्‍प्‍यूटर वैज्ञानिक जॉन मैक्‍कार्थी ने परिचित कराया। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का मुख्‍य उद्देश्‍य ऐसी बौद्धिक मशीन बनाना है जो मनुष्‍य या इससे भी ज्‍यादा बुद्धिमान हो जो अपने निर्णय स्‍वयं ले सके।

 

पाइथन की विस्‍तृत जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि इसे नीदरलैंड निवासी गुइडो वान रोससुम ने 1985-90 में विकसित किया था। इसके इस्‍तेमाल के लिए किसी भी प्रकार लाइसेंस नहीं लेना पड़ता है और न ही इसे खरीदना पड़ता है। यह इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्‍ध है। इसे उपयोगकर्ता अपनी सुविधानुसार संशोधित कर सकता है। इसके द्वारा वेबसाइट, गेम, सर्च इंजन आदि भी बना सकते है।

 

इसके महत्‍व को रेखांकित करते हुए बताया कि मानव निर्मित मशीनें मनुष्‍य की बुद्धि का इस्‍तेमाल न कर, कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता अर्थात् आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर संचालित होती है और इसी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का विकास करने तथा जटिलताओं का समाधान करने के लिए पाइथन नामक कम्‍प्‍यूटर भाषा तकनीकी रूप से सक्षम, उपयोगी व प्रभावशाली है।

कार्यशाला का समापन कुलपति माननीय प्रोफ.(डॉ.) सुनील कि सोमानी द्वारा डॉ. मनीष जैन को स्‍मृति चिह्न प्रदान कर किया गया एवं आभार विभागाध्‍यक्ष डॉ. जीतेन्‍द्र चौधरी ने माना।

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