छवि की पहली छवि

जबलपुर, २३ अक्टूबर (ईएमएस)। जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज यूँ तो उम्र और अनुभव में उतनी ज्येष्ठ नहीं हैं जितनी अपनी कार्यशैली में हो गईं हैं। उनकी कार्यप्रणाली में विश्वास और मजबूत इरादा स्पष्ट परिलक्षित होता है। इसका ताजा उदाहरण मंगलवार की सुबह देखने मिला जब वो उपद्रवियों को खदेड़ने खुद ही डंडा लेकर दौड़ पड़ीं।

यह नजारा मंगलवार की सुबह ग्वारीघाट में उस वक्त देखने मिला जब जबलपुर की महारानी माता महाकाली के विसर्जन को लेकर उपजे विवाद के बाद स्थिति विकराल हो गई। एक तरफ श्रद्धालुओं का जमावड़ा और दूसरी तरफ पुलिस बल का जमघट। दोनों के बीच बवाल इतना बढ़ा कि नौबत पत्थरबाजीr, आगजनीr, तोड़-फोड़, लाठी चार्ज, अश्रुगैस और हवाई फायरिंग तक पहुँच गई।

मौके की नजाकत और बढ़ते बवाल को नियंत्रित करने और भीड़ को खदेड़ने पुलिस के साथ खुद जिला

दण्डाधिकारी छवि भारद्वाज ने मोर्चा संभाल लिया। सलवार-सूट के ऊपर सेफ्टी जैकेट, सर पर हेलमेट और हाथ में पुलिसिया डंडे लेकर उपद्रवियों के पीछे दौड़ पड़ीं और कईयों को ठोंक भी दिया। जिला दण्डाधिकारी का यह मर्दाना रूप देखकर वहाँ मौजूद लोग हतप्रभ रह गए।

आईएएस छवि भारद्वाज जब यहाँ कलेक्टर बनकर आईं थीं तब लोगों को यकीन नहीं था कि कम उम्र की ये महिला जबलपुर जैसे बड़े जिले को संभाल पाएगीं। ऐसा मानने की एक वजह उनकी सामान्य कद-काठी और सरलता भी थी। छवि भारद्वाज कलेक्टर का पद संभालने के बाद परिपक्व अफसर की तरह प्रशासनिक कामकाज करने लगीं। स्थानीय अस्पतालों, स्कूलों से लेकर ग्रामीण अंचलों के स्वास्थ्य केंद्रों और शालाओं का निरीक्षण कर वहाँ की अव्यवस्थाओं को दूर करने लगीं।

वृद्धाश्रम तक का मुआयना किया और वहाँ रहने वाले बुजुर्गों की व्यथा सुनी। जिला मुख्यालय आने वाले फरियादियों की समस्या सुनकर उन्हें राहत प्रदान करतीं रहीं। उनकी इस कार्यप्रणाली से उनकी छवि सीधी-साधी संवेदनशील महिला अफसर की बन गई।
सुश्री छवि ने आम लोगों की इस धारणा को उस वक्त तोड़ दिया जब आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हुई।

उन्होंने दबंग मर्द अफसर की तरह चुनावी नियमों का पालन कराना शुरू कर दिया। यहाँ तक तो सब ठीक था मगर उनका रौद्र रूप और निडरता जो उन्होंने ग्वारीघाट में दिखाया उसने यह साबित कर दिया कि महिला होने के बावजूद उनमें मर्दों वाला साहस और सूझबूझ है। इससे स्पष्ट हो गया कि छवि की पहली छवि प्रशासनिक क्षेत्र में बड़ी छवि बनेगी।
नोट : ग्वारीघाट मेटर के साथ।

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