कैबिनेट ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने तथा सशक्त करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) तथा मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीएम) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दे दी है।

कार्यान्वयन की रणनीति और लक्ष्य

इस समझौते का उद्देश्य सूचना के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा क्षमता निर्माण संबंधी पहलों के माध्यम से प्रतिस्पर्धा कानून और नीति के मामलों में सहयोग को बढ़ावा देना और उसे सशक्त करना है। इसका उद्देश्य तकनीकी सहयोग, अनुभव साझा करने तथा प्रवर्तन सहयोग जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके फलस्वरूप उपभोक्ताओं को बड़े पैमाने पर लाभ होगा और इक्विटी तथा समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा।

प्रभाव:

सीसीआई और सीसीएम के बीच समझौता ज्ञापन से उम्मीद है कि:

(ए) यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रतिबंधों का समाधान करेगा;

(बी) इससे सीसीआई द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के कार्यान्वयन में सुधार होगा;

(सी) यह प्रतिस्पर्धा नीति की समझ को बढ़ावा देगा;

(डी) इससे क्षमता निर्माण होगा; व

(ई) राजनयिक लाभ प्राप्त होगा;

इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से भारत की ओर से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और दूसरी तरफ, मॉरीशस प्रतिस्पर्धा आयोग प्रमुख रूप से लाभान्वित होंगे।

पृष्ठभूमि:

प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 18, सीसीआई को अधिनियम के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने या अपने कार्य करने के उद्देश्य से किसी भी देश की किसी भी एजेंसी के साथ कोई भी ज्ञापन या व्यवस्था करने की अनुमति देती है।

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