ब्रेक्जिट के पर दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद टरीजा पर भारी दबाव

लंदन । 24 घंटों के अंदर पहले ब्रेग्जिट मंत्री और फिर विदेश मंत्री के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे काफी दबाव में आ गई हैं। ब्रेग्जिट मंत्री डेविड डेविस, उनके डेप्युटी स्टीव बेकर और सहयोगी विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा देकर एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ब्रेग्जिट संभव है?

वह भी तब जब ब्रेग्जिट के लिए ब्रिटेन के पास अब 9 महीने से भी कम का समय बचा है। उल्लेखनीय है कि बीते एक साल में टरीजा मे के 7 कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं। हालांकि, इनकी वजहें अलग-अलग रहीं हैं। ब्रिटेन को मार्च 2019 तक यूरोपीय संघ से अलग होना है।

टेरीजा मे ने दो साल पहले ब्रिटेन की प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उस साल ब्रिटेन में यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर जनमत संग्रह कराया गया और इसके पक्ष में बहुमत मिलने के बाद डेविज कैमरून की जगह टरीजा पीएम बनीं।

इसके बाद से ही ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी दो धड़ों में विभाजित हो गई है। एक धड़ा जिसकी नजर में ‘ब्रेग्जिट का मतलब ब्रेग्जिट’ यानी पूरी तरह यूरोपीय संघ से अलग होना है, तो दूसरा ब्रेग्जिट के बाद भी यूरोपीय संघ के साथ अच्छे संबंधों का पक्षधर है। पार्टी के दोनों धड़ों को एक करने के लिए टरीजा मे ने बोरिस जॉनसन को विदेश मंत्री बनाया और डेविड डेविस को ब्रेग्जिट मंत्रालय सौंपा। हालांकि, वह शुरू से यह बताने में असफल रहीं कि यूरोपीय संघ से अलग होना ब्रिटेन के लिए किस तरह से फायदेमंद है।

टरीजा मे के कैबिनेट ने उनके नए फॉर्म्यूले को मंजूरी भी दे दी थी। बीते एक साल में टरीजा मे के 7 कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं। हालांकि, इनकी वजहें अलग-अलग रहीं।
प्रधानमंत्री टरीजा मे ब्रेग्जिट के बाद भी यूरोपीय संघ के साथ मजबूत आर्थिक संबंधों को बनाए रखने को लेकर अपनी पार्टी को एकजुट करने की कोशिश में हैं।

हालांकि, मे के इस कदम से ब्रेग्जिट के धुर समर्थक नाराज हैं। बोरिस जॉनसन के मुताबिक, टरीजा मे ने ब्रेग्जिट का जो फॉर्म्यूला सुझाया है उससे ब्रिटेन यूरोपीय संघ का उपनिवेश बनकर रह जाएगा। उनका कहना है कि मे का फॉर्म्यूला ‘सेमी-ब्रेग्जिट’ जैसा है जहां आर्थिक संबंधों के मामले में यूरोपीय संघ के साथ पहले जैसा ही सबकुछ रहेगा, लेकिन इस प्रणाली पर ब्रिटेन का कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा।

डेविड डेविस का कहना है कि नए समझौते में यूरोपीय संघ के साथ एक अति करीबी रिश्ता शामिल है, और सिर्फ एक भ्रम बनाया गया है कि ईयू से अलग होने के बाद ब्रिटेन को पूरा नियंत्रण मिल जाएगा। खबर है कि अगर टरीजा मे ने अपना फॉर्म्यूला नहीं बदला तो अगले कुछ दिनों में और इस्तीफे हो सकते हैं।

टरीजा मे के नए प्रस्ताव में यूके-ईयी को मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाए रहने का फॉर्म्युला दिया गया है। ब्रेग्जिट समर्थकों का मानना है कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच नए समझौते के तहत जिस पार्टनरशिप मॉडल को अपनाने की बात कही गई है, वह ब्रेग्जिट से पहले लागू मॉडल से ज्यादा अलग नहीं है।

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