BIS कानूनी कार्रवाई, अमेज़न फ्लिपकार्ट केस, गैर-प्रमाणित उत्पाद, ISI मार्क उल्लंघन, ई-कॉमर्स नियम, उपभोक्ता सुरक्षा

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ गैर-प्रमाणित उत्पाद बेचने के मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। BIS ने यह कदम उन उत्पादों को लेकर उठाया है जो अनिवार्य BIS प्रमाणन के बिना इन ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर बेचे जा रहे हैं। संगठन इन कंपनियों से मुआवज़ा भी मांगेगा।

BIS के अनुसार, प्रेशर कुकर, मोबाइल चार्जर, घरेलू उपकरण, और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं ISI चिह्न के बिना अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्मों पर खुलेआम बिक रही हैं। यह भारत के BIS अधिनियम, 2016 का गंभीर उल्लंघन है, जिसमें उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उत्पाद की गुणवत्ता की गारंटी अनिवार्य है।

BIS का कहना है कि इन कंपनियों को कई बार चेतावनी दी गई थी लेकिन उनकी ओर से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। 2021 में लागू नए ई-कॉमर्स उपभोक्ता सुरक्षा नियमों के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफार्मों को गैर-कानूनी लिस्टिंग हटाने और प्रमाणन रहित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने की ज़िम्मेदारी दी गई है।

हालाँकि अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने यह तर्क दिया है कि वे केवल प्लेटफॉर्म हैं और विक्रेताओं द्वारा लिस्टिंग की गई वस्तुओं की प्रमाणिकता की जाँच उनकी ज़िम्मेदारी नहीं है, BIS इस तर्क को खारिज करता है और कहता है कि प्लेटफार्म होने के बावजूद इन कंपनियों को गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा।

BIS अब इन कंपनियों पर मुकदमा दायर करेगा और न्यायालय से मुआवज़े की मांग करेगा ताकि उपभोक्ताओं को हुए संभावित नुकसान की भरपाई की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला ई-कॉमर्स क्षेत्र में एक कानूनी मिसाल स्थापित कर सकता है और भविष्य में उत्पाद गुणवत्ता के नियमों को अधिक सख्ती से लागू करने में सहायक होगा।

यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश में प्रमाणिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की बिक्री को भी प्रोत्साहन देगा।

 

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