बिहार यात्रा में अमित शाह कर पाएंगे जदयू से सीटों का बंटवारा ?

नई दिल्ली । भाजपा अध्यक्ष चीफ अमित शाह अपनी बिहार यात्रा के दौरान नीतीश कुमार से दो बार मुलाकात करेंगे किन्तु यक्ष प्रश्न यह है कि क्या वे सीट बंटवारे का फार्मूला तलाशने में कामयाब रहेंगे ?

12 जुलाई को पटना पहुंच रहे शाह बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू प्रमुख नीतीश कुमार से मिलकर सीटों पर फंसी उलझन को सुलझाने की कोशिश करेंगे। जेडी (यू) की दिल्ली में हुई कार्यकारिणी की बैठक और फिर बिहार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश ने बीजेपी पर कुछ नरम-गरम रुख अपनाते हुए कहा था कि समय आने पर सीटों का बंटवारा हो जाएगा। उन्होंने साफ किया था कि जेडीयू एनडीए को नहीं छोड़ने जा रहा है। अब शाह की यात्रा में सीटों पर फंसे पेच पर चर्चा होने की उम्मीद है।

बिहार भाजपा प्रमुख नित्यानंद राय ने मंलगवार को बताया अमित शाह नाश्ते और रात के खाने पर दो बार नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे। डिनर नीतीश के आधिकारिक आवास पर होना है। माना जा रहा है कि इस बैठक में शाह ‘रूठे’ नीतीश को मनाने की कोशिश करेंगे। शाह और नीतीश की मुलाकात बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की आगे की दिशा तय करेगी।

दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव में जेडी(यू) ने प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 25 पर दावा जताया है। यही नहीं जेडी(यू) ने यह भी कहा है कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार बनें और उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा जाए। जेडी(यू) के इस दावे पर बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और अभी तक इस पर कोई भी सहमति बन नहीं पाई है।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था, ‘नीतीश कुमार के अलावा अमित शाह एनडीए के अन्य सहयोगियों एलजेपी और आरएलएसपी के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इसके जरिए विपक्ष को यह संदेश देने की कोशिश भी है कि बिहार में एनडीए में सबकुछ ठीक चल रहा है।’

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह 12 जुलाई को सुबह पटना पहुंचेंगे। यहां सबसे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठ कर करेंगे। माना जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर सभी सांसद, विधायक और एमएलसी के साथ यह बैठक होगी।

बीजेपी नेताओं के साथ बैठक के बाद अमित शाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के दूसरे सहयोगियों से मुलाकात करेंगे। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापस लौटने को लेकर अटकलें भी हैं। हालांकि नीतीश इससे साफ इनकार कर चुके हैं। हालांकि दिल्ली में जेडी (यू) कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने यह जरूर कहा था कि उनकी पार्टी को कोई इग्नोर नहीं कर सकता है और इग्नोर करने वाले खुद ही इग्नोर हो जाएंगे।

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