आज़ाद लब : मेक इन इंडिया, मेक फ़ॉर इंडिया और मेक फ्रॉम इंडिया का वक़्त- विश्वबंधु

जब से भारत आजाद हुआ तब से अब तक जितने भी राजनीतिक दल हुए सब का मंत्र स्वदेशी रहा है, वर्तमान के केंद्रीय सत्ता में जिस पार्टी का शासन है वह तो स्वदेशी के मंत्र को लेकर यहां तक पहुंची है और आरएसएस जिसकी राजनीतिक  पार्टी भारतीय जनता पार्टी है वह तो स्वदेशी के मंत्र को और स्वदेशी को जीवन में अपनाने को लेकर अपनी विस्तार करती रही है l स्वदेशी का नारा नेहरू जी से शुरू होकर मोदी तक लगाया जाता रह है , परन्तु सच्चाई यह है की स्वदेशी कंपनियों का विदेशीकरण किया गया, परंतु स्वदेशी कंपनियों का विस्तार नहीं किया गया और यह कार्य निरंतर हर सरकार में और हर सत्ता करने वालों ने जारी रखी l यह ऐसा ही है जैसे खादी के कपड़े पहन के खादी को बढ़ावा देने का बात करके और खादी को हाशिए पर लाकर रख दिया गया है l

 

 

वैसे ही स्वदेशी शब्द के साथ भी किया जा रहा है l गांधीजी ने अंग्रेजी वस्तुओं का तिरस्कार करने का निर्णय लिया था और चरखा चलाकर खुद के कपड़े बनाने का कार्य किया और पूरे देश को प्रोत्साहित किया था, जिससे अंग्रेजों की कमर टूट गई थी और वहीं से उनका पतन शुरू हुआ था l आज वह चरखा भी रखा है, गांधीजी का स्मरण भी हर कोई करता है और गांधी जी के नीतियों की कसम हर कोई खाता है l परन्तु नियत में कुछ और होता है l अब समय गया है कि भारत को अब खुद अपने पांव पर खड़ा होना होगा मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया और मेक फ्रॉम इंडिया के मूल मंत्र को अपनाना ही होगा l मेक इन इंडिया कार्यक्रम भारत में पहले से शुरू किया गया है अब भारत को मेक फॉर इंडिया की तरफ भी ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि जितना ज्यादा हम स्वयं की बनी हुई वस्तुओं पर निर्भर होंगे हम भविष्य में ताकतवर होंगे मजबूत होंगे और हमारे अर्थव्यवस्था पर किसी भी प्रकार के संक्रमण का या किसी प्रकार के विदेश नीति का कोई भी असर नहीं होगा, परंतु विदेशी मुद्रा भंडार हर देश की ताकत के रूप में जानी जाती है इसलिए मेक इन इंडिया और मेक फॉर इंडिया से एक कदम आगे बढ़ते हुए हमें मेक फ्रॉम इंडिया पॉलिसी को बड़े ही आक्रामक तरीके से आगे लाना होगा l

 

 

 

इस पर काम करना होगा और इसका विस्तार चाइना की तरह पूरे विश्व में करना होगा क्योंकि जिस दिन हमारी मेक फ्रॉम इंडिया पॉलिसी सफल हो गई उस दिन भारत को विश्व का सबसे ताकतवर देश बनने से कोई नहीं रोक सकता l चाइना की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि वह वस्तुओं का निर्माण करता है खुद के लिए भी और दूसरों के लिए और उसने अपने ऊपर सभी देशों को बहुत सारी वस्तुओं पर निर्भर कर रखा  है l हमारे पास अब मौका है की सभी यूरोपीय देश चाइना से अपना पलायन करेंगे और उन्हें कोई ना कोई ऐसा देश चाहिए जो उनको हर तरीके से सुरक्षित और प्रगतिशील दिखाई दे l इस क्रम में सबसे ऊपर भारत है और विदेशी निवेश की कुछ लचीली नीतियां बनाकर हो भी सकता है l हमें इस अवसर को बहुत जल्दी लपकना होगा और भारत को विश्व का सबसे ताकतवर देश बनाने की दिशा में सारे विदेशी निवेश को अपने आकर्षित करना होगा, इससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत होगी साथ ही भारतीयों को रोजगार मिलेगा और कोरोना का जो प्रभाव हमारे देश पर पड़ा है वह  इस निवेश से दूर होगा l  

 

 

 

भारत को अब भारत में, भारत के लिए और भारत द्वारा इस मंत्र को सरकार के साथसाथ सभी भारत वासियों को अपने अंदर लाना होगा क्योंकि अभी भी हमारी बहुत सारी निर्भरता विदेशों से है और हमें उनपर से निर्भरता को खत्म करना होगा l हमारी सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार पेट्रोलडीजल के आयात पर जाती हैअब हमें जल्दी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उपयोग पर जाना होगा और इस विदेशी मुद्रा भंडार को बचाना होगा l अब आयात नीति हमें सख्त करने को होगी और निर्यात नीति को हमें लचीला बनाना होगाभारत में उद्योगों के स्थापना पर रियायत देनी होगी , उद्योगों को और आवश्यक छूट देने के साथ इसकी एक पॉलिसी बनाते हुए हमें हर भारतीयों को अपना एक उद्योग स्थापित करने के लिए भी प्रेरित करना होगा l हमें अब हर भारतीय एक उद्योग के मंत्र के साथ अब काम करना होगा और इस देश को, इस देश के गौरव को और इस देश की गरिमा को पूरे विश्व के पटल पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित करना के लिए यह समय सबसे उपयोगी और उचित है, क्योंकि पूरा विश्व आज भारत को सहयोग करने के लिए खड़ा है और ऐसा सुनहरा मौका फिर कब आएगा या भविष्य की गर्त में छुपा है 

 

 

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