राम मंदिर के बाद अब मथुरा की तैयारी, कोर्ट ने स्वीकार की श्रीकृष्ण विराजमान की अपील

न्यूज़ डेस्क : इस मामले में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही ईदगाह कमेटी ट्रस्ट के प्रबंधक, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट मथुरा और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है। इन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।

 

 

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर की गई अपील अदालत ने शुक्रवार को मंजूर कर ली। अपील में 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है। ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ की ओर से वादी रंजना अग्निहोत्री सहित अन्य अधिवक्ताओं ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की करीब 13.37 एकड़ जमीन पर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ताओं के माध्यम से दावा किया गया था। यह दावा विगत दिनों सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में किया गया था। उनकी अनुपस्थिति में इसकी सुनवाई लिंक एडीजे-पॉक्सो अदालत में हुई। इस अदालत ने यह दावा खारिज कर दिया था। 

 

 

12 अक्तूबर को याचिकाकर्ताओं ने जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील की। शुक्रवार को भगवान विराजमान श्रीकृष्ण की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा ने दावा दाखिल करने के लिए न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। अदालत ने अपील को स्वीकार कर लिया।

 

प्रतिवादियों को जारी होंगे नोटिस

डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि श्रीकृष्ण विराजमान की अपील को स्वीकार करते हुए जिला अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 नवंबर तय की है। इस मामले में प्रतिवादी बनाए गए यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड चेयरमैन, शाही ईदगाह कमेटी ट्रस्ट के प्रबंधक, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट मथुरा और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को नोटिस जारी किए जाएंगे।

 

श्रीकृष्ण विराजमान की अपील स्वीकार होते ही वादी तथा उनके अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने अदालत के बाहर आकर खुशी व्यक्त की। इससे पूर्व 12 अक्टूबर को न्यायालय में भगवान विराजमान श्रीकृष्ण की ओर से वकीलों ने द्वापर युग से लेकर कलयुग तक के इतिहास की जानकारी दी थी। लगभग 500 वर्ष में मंदिर कितनी बार टूटा और बना यह भी बताया था।

 

 

यह है दावा : वादी के अधिवक्ताओं का दावा है कि जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का है, जबकि 12 अक्तूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से कर लिया। इस जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद बनाई गई है। अपील में समझौते को रद्द करने की मांग के साथ 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है। 

 

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