वॉट्सऐप पर अफ्रीकियों के ‘नरभक्षी’ होने की अफवाह, पुलिस ने 6 को बचाया

नई दिल्ली। सोशल मीडिया जो न कराए कम है, देश की राजधानी में वॉट्सऐप पर फैली अफवाह के चलते 6 अफ्रीकियों की जान पर बन आई। दरअसल, बच्चों को अगवा कर उन्हें खाने की अफवाह पर गुरुवार शाम पश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके में गुस्साई भीड़ से पुलिस ने अफ्रीकी मूल के 6 लोगों को बचाया। इन्हीं अफवाहों के फैलने की अलग-अलग जगह ऐसी घटनाएं हुईं। पुलिस का कहना है कि ककरौला में करीब 200 लोगों की भीड़ ने गुरुवार शाम को तंजानिया की दो महिलाओं को घेर लिया था। उनके साथ रह रहे दो अन्य अफ्रीकियों को भीड़ ने घर में ताला लगाकर बंद कर दिया था। समय रहते पहुंची पुलिस ने इन विदेशी महिलाओं को बचाया। घर में बंद अफ्रीकियों को भी पुलिस थाने लेकर आई ताकि वे सुरक्षित रहें। पुलिस का कहना है कि इन अफ्रीकियों के नरभक्षी होने की अफवाहें गुरुवार शाम से फैलने लगी थीं। यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में रह रहे अफ्रीकी मूल के लोगों को लेकर ऐसी अफवाहें फैल रही हैं। ऐसे मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। ककरौला में हुई घटना में पुलिस को पहुंचने में जरा भी देर हुई होती तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी। जब पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद भीड़ से पूछा कि किसका बच्चा किडनैप हुआ है तो चंद मिनटों में भीड़ तितर-बितर हो गई। माना जा रहा है कि पहले ऐसी अफवाहें मौखिक तौर पर फैली और बाद में द्वारका और उसके आसपास के इलाकों में वॉट्सऐप ग्रुप पर फैलने लगी।

उत्तम नगर, डाबड़ी आदि में काफी संख्या में नाइजीरियन रहते हैं। लेकिन यहां रहने वाले लोग इन्हें शक की नजर से देखते रहते हैं। लोगों को सबसे अधिक परेशानी इनकी खानपान की आदतों से होती है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इनके खान-पान को लेकर लोगों की शिकायतें आती रहती है। रात को ड्रग्स लेकर चिल्लम-चिल्ली करना, पार्टियां करना, झगड़ा करना आदि के आरोप लोकल लोग लगाते हैं। डीसीपी एंटो अल्फोंस के मुताबिक अफ्रीकनों को सुरक्षा दी जा रही है। जिन एरिया में अफ्रीकन रह रहे हैं उनसे संपर्क किया जा रहा है। विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप, आरडब्ल्यूए से अपील की जा रही है कि अफवाहों को फैलाया न जाए। ऐसे एरिया में पुलिस की नजर अधिक है जहां अफ्रीकन रह रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार नरभक्षी होने की कोई शिकायत या कोई ऐसे घटना अब तक सामने नहीं आई है। घटना के बाद एरिया में तनाव है। पुलिस के मुताबिक अफ्रीकनों की असोसिएशन से पुलिस ने बात की है। आरडब्ल्यूए से विदेशी किरायेदारों की वेरिफिकेशन की बात की गई है, इनके पासपोर्ट की चेकिंग का अभियान शुरू किया गया है ताकि साफ हो सके कि उक्त एरिया में कितने अफ्रीकन रह रहे हैं।

पहले ड्रग्स बेचने वाले…फिर सेक्स रैकेट चलाने वाले और अब दिल्ली की जनता हमें ‘नरभक्षी’ बुलाने लगी है। रोजाना हमें ऐसे टारगेट किया जाता है जैसे किसी दूसरे ग्रह से हम लोग आए हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है हम यहां आए ही क्यों? एक-दो लोग गलत काम करते हैं, इसका यह मतलब नहीं कि सब अफ्रीकन ही खराब हैं। हम लोग यहां पढ़ने, बिजनेस करने या फिर नई जिंदगी शुरू करने आए हैं। लेकिन यहां के लोग हमें स्वीकार ही नहीं कर रहे। यह कहना है कि नाइजीरिया के जॉन का जो वेस्ट दिल्ली के उत्तम नगर में रहते हैं। जॉन को द्वारका की खबर उनके दोस्त से मिली। जॉन ने बताया कि अब तो डर लगने लगा है। हर हफ्ते कुछ ऐसा हो जाता है, जिससे अंडरग्राउंड होना पड़ता है। न जाने कब मॉब दूसरों की अफवाहों को सच मानकर हम पर भी हमला कर दे। जॉन ने कहा कि थोड़े टाइम पहले भी तिलक विहार में ऐसे ही एक मामला सामने आया था। जांच में कुछ नहीं मिला। लोग न जाने कैसी-कैसी बातें फैला देतें जिसका असर क्या होता है सिर्फ हमें पता है। जॉन ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है जब मॉब ने हमपर अटैक किया है। खिड़की एक्सटेंशन, हौज खास, जंगपुरा, ग्रेटर नोएडा और वेस्ट दिल्ली में कई बार हम पर अटैक हो चुके हैं।

Comments are closed.