असम आईईडी ब्लास्ट: NIA ने उल्फा-आई प्रमुख परेश बरुआ सहित 3 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

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समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 14 जून: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने असम में 2024 के स्वतंत्रता दिवस पर हुए आईईडी (Improvised Explosive Device) विस्फोटों की साजिश के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने इस संबंध में उल्फा-आई (ULFA-I) प्रमुख परेश बरुआ सहित तीन लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ एजेंसी की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

NIA की गहन जाँच और साजिश का खुलासा

एनआईए की विस्तृत जाँच में यह सामने आया है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर आईईडी विस्फोटों की साजिश रची थी। इस नापाक योजना के तहत असम में कई स्थानों पर आईईडी विस्फोट किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप कई निर्दोष लोग घायल हुए थे। एनआईए ने इस साजिश के हर पहलू को उजागर करने के लिए गहनता से काम किया है।

चार्जशीट में लगाए गए गंभीर आरोप

एनआईए द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में परेश बरुआ और उसके दो अन्य साथियों पर देश के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो उनकी आतंकी गतिविधियों की गंभीरता को दर्शाता है।

उल्फा-आई: एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन

उल्फा-आई असम में सक्रिय एक अलगाववादी आतंकवादी संगठन है, जिसका उद्देश्य राज्य के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करना है। इस संगठन का इतिहास हिंसक गतिविधियों से भरा रहा है, जिसमें अतीत में कई लोगों की जान गई है और अनगिनत लोग घायल हुए हैं। उल्फा-आई की गतिविधियां असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बनी हुई हैं।

NIA और सरकार की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता

एनआईए लगातार उल्फा-आई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती रही है और उसने इस संगठन से जुड़े कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। यह नवीनतम चार्जशीट इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें एजेंसी ने पुख्ता सबूत जुटाकर आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।

केंद्र सरकार ने भी उल्फा-आई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प दोहराया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी आतंकवादी संगठन को बर्दाश्त नहीं करेगी और देश की सुरक्षा व अखंडता के लिए किसी भी हद तक जाएगी। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है और यह सुनिश्चित करती है कि देशद्रोही तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।

एनआईए की यह चार्जशीट उल्फा-आई के खिलाफ एक बड़ी जीत है और यह दिखाती है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां आतंकवाद के उन्मूलन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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