इजराइल ने ईरान के 4 एटमी ठिकाने तबाह किए

इजराइल , 13 जून 25 । इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान के एटमी और दूसरे सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। इसमें ईरान के 2 बड़े सैन्य अधिकारी और 2 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।

एक सीनियर ईरानी अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि राजधानी तेहरान में शाहरक शाहिद महालती नामक जगह पर हमला हुआ। यहां पर हाई रैंक वाले ईरानी सैन्य अफसर रहते हैं। हमले में 3 इमारतें तबाह हो गई हैं।

एक इजराइली सैन्य अधिकारी ने दावा किया कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है और उसके पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने लायक सामग्री है। इसे रोकने के लिए यह हमला किया गया।

उन 6 जगहों के बारे में जानिए जहां हमला हुआ

1. नतांज- ईरान का मेन परमाणु फैसिलिटी सेंटर

हमला क्यों हुआ- यहां एडवांस सेंट्रीफ्यूज लगे हैं जो यूरेनियम को हथियार-योग्य स्तर तक ले जा सकते हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे ‘ईरान का सबसे बड़ा परमाणु खतरा’ बताया।

2. तेहरान- ईरान की राजधानी, कई अहम मिलिट्री ठिकाने

ईरान की राजधानी, जहां प्रमुख सैन्य और परमाणु अधिकारी रहते हैं।

यहां पर IRGC कमांडर हुसैन सलामी, सेनाध्यक्ष मोहम्मद बघेरी और परमाणु वैज्ञानिकों के ठिकानों पर हमला किया गया।

हमला क्यों हुआइजराइल ने नेतृत्व पर सीधा हमला कर यह जताया कि वो ईरान के सबसे सुरक्षित केंद्रों तक पहुंच सकता है।

3. इस्फहान- परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटर

इस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है, जहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है।

यहां न्यूक्लियर फैसिलिटी की शुरुआत साल 1999 में हुई।

इस शहर में ईरान का एक बड़ा एयरबेस भी है, यहां पुराने अमेरिकी F-14 टॉमकैट फाइटर जेट रखे गए हैं, जो ईरान ने 1979 की क्रांति से पहले खरीदे थे।

माना जा रहा है कि इस बार के हमले में एयरबेस पर स्थित एक रडार केंद्र को निशाना बनाया गया था।

इस्फहान में हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां भी हैं, जिनमें से एक पर पिछले साल भी इजराइल ने हमला किया था।

इस बार 3 ड्रोन से यहां हमला हुआ। ईरानी अधिकारियों ने कहा कि दो ड्रोन मार गिराए गए और एक ने फैक्ट्री की छत को थोड़ा नुकसान पहुंचाया।

हमला क्यों हुआ- ईरान की वायुसेना और रक्षा सिस्टम को कमजोर करना और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को हथियार मिलने से रोकना।

4. अराक- हैवी वाटर रिएक्टर

अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। इससे प्लूटोनियम बन सकता है। यह परमाणु हथियार बनाने का एक और तरीका है।

हमला क्यों हुआ- ईरान के एटमी प्रोग्राम के दूसरे रास्ते को भी रोकना।

5. तबरीज- मिलिट्री बेस और एक बड़ा तेल रिफाइनरी

तबरीज ईरान के अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। यहां कोई परमाणु ठिकाना नहीं है। यह तुर्की और आर्मेनिया की सीमा के करीब है। यहां हथियार डिपो और मिसाइल उत्पादन से जुड़ी फैसिलिटी भी हो सकती हैं। यहां कई मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट और IRGC से जुड़े ठिकाने हैं।

हमला क्यों हुआ- सैन्य और आर्थिक ढांचे को कमजोर करना।

6. करमनशाह- यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी

ईरान के मिसाइल बेस और औद्योगिक कॉम्प्लेक्स इराक सीमा के पास हैं।

हमला क्यों हुआ- अक्टूबर 2024 के ईरानी मिसाइल हमलों के बाद, करमनशाह से संभावित जवाबी हमलों को रोकना।

नेतन्याहू बोले- ईरान हमारे लिए खतरा –  इजराइल सेना ने कहा कि यह ‘प्री-एम्पटिव स्ट्राइक’ थी। यानी खतरे को भांपकर इजराइल ने हमला किया, ताकि ईरान कोई बड़ी कार्रवाई न कर सके। इजराइली सेना ने यह भी कहा कि आगे और भी ऐसे कई हमले हो सकते हैं।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बना रहा था। यह हमारे देश के लिए खतरा था। इसलिए हमारी सेना ने नतांज जैसे अहम परमाणु ठिकानों और ईरान के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों पर हमला किया।

नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रहा है। ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है। आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अच्छाई ने बुराई पर और रोशनी ने अंधकार पर जीत की दिशा में कदम बढ़ाया।

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