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बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बड़े नेताओं का बिहार आगमन लगातार जारी है. इसी कड़ी में, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में एक ओबीसी सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. उनकी इस यात्रा का मकसद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जनसमर्थन जुटाना है. राहुल गांधी के बिहार दौरे के बीच, राजनीतिक गलियारों में बयानों की एक नई जंग छिड़ गई है.
राहुल गांधी के बिहार आगमन पर एनडीए सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बड़ा और विवादित बयान दिया है. मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि, अगर राहुल गांधी लालू यादव के शासनकाल में इस तरह बार-बार बिहार आते, तो उनका अपहरण हो सकता था. उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें छुड़ाने के लिए सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री निवास पर डील करनी पड़ती.
मांझी ने अपने पोस्ट में बिहार की वर्तमान ‘सुशासनी सरकार’ की तारीफ करते हुए कहा, “अब बिहार वैसा नहीं जो लालू प्रसाद यादव जी और गांधी परिवार ने 20 साल पहले छोड़कर हमें दिया था. अब दूसरे राज्य के लोग यहां आने से नहीं डरते. ये नया बिहार है जहां राहुल गांधी जी बेफिक्र होकर बार-बार आते हैं, भयमुक्त वातावरण में यात्रा करते हैं और सुरक्षित वापस चले जाते हैं.” इस बयान से उन्होंने लालू यादव के शासनकाल पर सीधा तंज कसा है.
बीजेपी का तंज: “राहुल गांधी जहां जाते हैं, कांग्रेस का नुकसान होता है”
एक ओर जहां जीतन राम मांझी ने तीखा हमला बोला है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी राहुल गांधी की यात्रा पर तंज कसा है. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि, राहुल गांधी जहां भी जाते हैं, वहां कांग्रेस का और ज़्यादा नुकसान हो जाता है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “इस बार गया में आए हैं, तो पार्टी को पूरी तरह ‘मोक्ष’ दिला कर ही लौटेंगे.”
डॉ. जायसवाल ने राहुल गांधी की इस यात्रा को केवल एक राजनीतिक ड्रामा करार दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है. वे आते हैं, भाषण देते हैं और चले जाते हैं.
क्या कहते हैं ये बयान?
राहुल गांधी का यह दौरा और उस पर आए ये बयान बिहार की राजनीति में बढ़ते तापमान का संकेत देते हैं. जहां कांग्रेस ओबीसी समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं एनडीए के नेता पिछली सरकारों पर निशाना साधकर और वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे और भी बयान और राजनीतिक गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.
क्या राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए बिहार में संजीवनी साबित होगा, या फिर यह विरोधियों के लिए हमलावर होने का एक और मौका? आपकी इस पर क्या राय है?
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