ABMSU की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट बोला– असम पुशबैक मामला हाईकोर्ट में उठाएँ

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समग्र समाचार सेवा                                                                                                                                                                                                                            गुवाहाटी,4 जून : असम में विदेशी घोषित लोगों को बांग्लादेश सीमा पर ‘पुशबैक’ करने की राज्य सरकार की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने याचिका को पूरी तरह निराधार नहीं माना, बल्कि याचिकाकर्ता All BTC Minority Students’ Union (ABMSU) को गौहाटी हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

ABMSU के अध्यक्ष तैसन हुसैन  ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे सभी जमानत पर बाहर थे, कई ने उच्च न्यायालयों में अपील कर रखी थी और उनके पास स्टे ऑर्डर भी था। इसके बावजूद, रातोंरात उन्हें उठाकर गायब कर दिया गया और अब वे सीमा क्षेत्र में फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “सरकार ने आज तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि यह कार्रवाई किस आधार पर की गई। किसी को नोटिस नहीं दिया गया, न ही कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई।”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा के हालिया बयान का हवाला देते हुए हुसैन ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2026 को देखते हुए यह मुद्दा दोबारा उछाला जा रहा है और कथित विदेशियों की वापसी के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश हो रही है।

हुसैन ने NRC प्रक्रिया को एकमात्र समाधान बताया और कहा कि, “NRC ही इस पूरे विवाद का स्थायी समाधान है। बॉर्डर पुलिस और विदेशी ट्रिब्यूनल की मनमानी नहीं।”

ABMSU अब इस मामले को गौहाटी हाईकोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहा है और इस सप्ताह याचिका दाखिल की जाएगी। ABMSU का मानवाधिकार उस समय कहाँ गया था जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे थे यह सोचने वाली बात है ।

 

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