भारत में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़: व्लॉगर, व्यापारी और नौसेना कर्मचारी सहित 8 गिरफ्तार

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा संचालित किया जा रहा था। इस अभियान में देशभर से 8 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें व्लॉगर, व्यापारी, रक्षा ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी और दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं।

मुख्य गिरफ्तारियां और आरोप

  • ज्योति मल्होत्रा, हरियाणा की एक 33 वर्षीय ट्रैवल व्लॉगर, को सेना की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि वह आईएसआई एजेंटों के संपर्क में थी और हरियाणा तथा पंजाब में सैन्य हलचलों की जानकारी साझा कर रही थी।

  • शहज़ाद वहाब, उत्तर प्रदेश के रामपुर के व्यापारी को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया। उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और दूसरों को इस नेटवर्क से जोड़ने का आरोप है।

  • वेत्थन लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और अभिलाष पी.ए.—इन तीनों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कर्नाटक के कारवार और केरल के कोच्चि स्थित नौसेना अड्डों से गिरफ्तार किया। आरोप है कि इन्होंने नौसेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ आईएसआई को दीं।

  • पलक शेर मसीह और सुरज मसीह, अमृतसर के दो दिहाड़ी मजदूरों को सेना और वायुसेना अड्डों की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनका संबंध एक जेल में बंद कैदी से था, जिसने इन्हें आईएसआई से जोड़ा और इसके बदले में भुगतान भी किया गया।

सोशल मीडिया बना नया हथियार

इस मामले से यह साफ हो गया है कि अब सोशल मीडिया भी जासूसी के लिए एक नया और खतरनाक माध्यम बन चुका है। व्लॉगिंग और सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग कर जानकारी एकत्रित कर पाकिस्तान तक भेजी जा रही थी। व्हाट्सऐप, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे माध्यमों के जरिये संपर्क बनाए गए थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा

इस तरह का संगठित जासूसी नेटवर्क यह दर्शाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भारत के रक्षा ढांचे में सेंध लगाने की संगठित कोशिश कर रही है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब और अधिक सतर्क हो गई हैं और आने वाले समय में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। रक्षा प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच और साइबर निगरानी को और सख्त करने की मांग उठ रही है।

Comments are closed.