यूपीएससी को मिला नया मुखिया! पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार बने नए चेयरमैन, प्रीति सूदन का कार्यकाल खत्म
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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 मई । देश की सबसे प्रतिष्ठित और सर्वोच्च भर्ती संस्था संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को आज नया चेहरा मिल गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार को यूपीएससी का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह प्रीति सूदन का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 29 अप्रैल 2025 को समाप्त हुआ।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यह नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) के तहत स्वीकृत की है। डॉ. अजय कुमार के पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनका कार्यकाल शुरू होगा, जो अनुच्छेद 316(2) और UPSC (सदस्य) विनियम, 1969 के अंतर्गत संचालित होगा।
डॉ. कुमार 1985 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। रक्षा मंत्रालय में बतौर सचिव सेवाएं देने के बाद वह 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे। प्रशासनिक दक्षता, रणनीतिक सोच और तकनीकी समझ के लिए जाने जाने वाले डॉ. कुमार को अब देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षाओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
डॉ. कुमार से पहले इस पद पर थीं प्रीति सूदन, जो कि 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। उन्होंने 1 अगस्त 2022 को UPSC चेयरपर्सन का पद संभाला था और अपने कार्यकाल में आयोग की कार्यप्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई पहल कीं।
इस नियुक्ति से कुछ ही दिन पहले पूर्व खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी को यूपीएससी का नया सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्हें वरिष्ठ सदस्य ले. जनरल (से. नि.) राज शुक्ला ने शपथ दिलाई। यह दर्शाता है कि यूपीएससी में अब अनुभवी नौकरशाहों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक नई टीम आकार ले रही है।
यूपीएससी देश की सिविल सेवाओं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) समेत केंद्रीय सेवाओं के लिए टॉप टैलेंट का चयन करता है। इसकी कार्यप्रणाली निष्पक्षता, पारदर्शिता और कड़ी प्रतिस्पर्धा पर आधारित है।
डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति को विशेषज्ञ एक रणनीतिक बदलाव मान रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में लंबे अनुभव और टेक्नोलॉजी में गहरी समझ रखने वाले डॉ. कुमार के नेतृत्व में यूपीएससी में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, साइबर-सिक्योरिटी से जुड़े बदलाव और चयन प्रक्रिया में नवाचार देखे जा सकते हैं।
डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति के साथ UPSC को मिला एक सशक्त, दूरदर्शी और अनुभवी नेता। देश की प्रशासनिक रीढ़ को आकार देने वाले इस संस्थान की कमान अब ऐसे हाथों में है जो जिम्मेदारी के मायनों को बखूबी समझते हैं।
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