पाकिस्तान को भारत की कड़ी चेतावनी: “जल्द खाली करें पीओके”, विदेश मंत्रालय का सख्त संदेश

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समग्र समाचार सेवा 

नई दिल्ली ,13 मई – भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि उसे जल्द से जल्द पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) खाली करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कड़ा संदेश सामने आया है।

प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है, इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है।” यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से अमेरिका और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया मध्यस्थता की कोशिशों पर प्रतिक्रिया के रूप में देखी जा रही है। भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से कोई भी संवाद केवल आतंकी गतिविधियों और सीमा पार गोलीबारी को लेकर ही होगा, न कि व्यापार, सिंधु जल समझौते या एयरस्पेस जैसे मुद्दों पर।

सीजफायर पर भी दी सफाई

गौरतलब है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर पर हुई बातचीत में दोनों देशों ने 5 बजे के बाद कोई हमला न करने की सहमति जताई थी। लेकिन विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत को ‘सीजफायर एग्रीमेंट’ नहीं माना है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह केवल फौजी गतिविधियों को रोकने के लिए की गई एक तकनीकी बातचीत थी, न कि राजनीतिक सहमति।

पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह दावा कर रहे थे कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाने में भूमिका निभाई है। इसके जवाब में भारत ने स्पष्ट किया कि यह दावा झूठा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि न तो ट्रंप ने और न ही किसी अन्य देश ने इस संघर्ष में मध्यस्थता की है। भारत ने यह भी कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, और यहां किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी की सख्त रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के दिनों में पाकिस्तान को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत केवल पीओके पर ही होगी। इसके साथ ही यह भी संकेत दिए गए हैं कि अगर पाकिस्तान ने कोई आतंकी हरकत या सीमा पर फायरिंग की, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार की योजना है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 24 खाली सीटों पर पीओके से निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। इसके बाद राजनीतिक और सैन्य स्तर पर पीओके को भारत में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। सैन्य हलकों में यह भी चर्चा है कि यदि पाकिस्तान पीओके खाली नहीं करता, तो भारत और अधिक सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

विपक्ष को भी मिला करारा जवाब

विपक्षी दलों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा था कि भारत सरकार अमेरिका के दबाव में आकर पाकिस्तान के साथ बातचीत कर रही है। लेकिन विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा था कि भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार की है। वास्तव में, भारत की स्थिति शुरू से स्पष्ट रही है – “हम खुद अपने मुद्दे सुलझा सकते हैं, हमें किसी की जरूरत नहीं।”

मिशन सिंदूर : अभी जारी है

प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि मिशन सिंदूर सिर्फ स्थगित हुआ है, बंद नहीं हुआ। पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि अगर उसने आतंकवादी गतिविधियों या युद्धविराम का उल्लंघन किया, तो भारत जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

विदेश मंत्रालय की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने न केवल पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया, बल्कि विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अब कश्मीर पर किसी भी प्रकार की रियायत देने को तैयार नहीं है। पीओके को लेकर भारत की रणनीति अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत सरकार यह संकेत दे चुकी है कि अगला कदम केवल संवाद नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई हो सकता है।

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